जीरे की खेती से किसान को बेहद मुनाफा,बस करे ये काम

 
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भारत के किसान पारम्परिक खेती करने के साथ साथ बाकी मुनाफे वाली फसलों को भी खेती करते है व उससे अच्छा फायदा कमा लेते है। भारत में मसाला फसलों की खेती में जीरे का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है।कोई भी सब्ज्जी बनानी हो या दाल या बाकी कोई भोजन बनाना हो सभी में जीरे का प्रयोग खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।बिना जीरे के तड़के के सारे मसालों का स्वाद फीका लगता है। जीरे का इस्तेमाल छाछ दही आदि से डालकर सेवन किया जाता है।अगर जिए की खेती उन्नत तरीके से की जाये तो इसका बेहतर उत्पादन प्राप्त करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है 


जीरे की फसल में ज्यादा उत्पादन प्राप्त करने के लिए ध्यान रखने योग्य बाते 

जीरे की फसल में लगने वाले रोग जैसे एफिड,उकता,झुलसा व चैया रोग के लक्षण दीखते की किसानो को इन रोगो का उपचार करना चाहिए। एफिड रोग के नियंत्रण हेतु मीडॉक्लोप्रिड  17.8 जल की मात्रा 200 मिलीलीटर या एसीफेट 750 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 500 लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करे। जीरे की फल में फूल आने के बाद बादल होने पर झुलसा रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है जिसके कारण जीरे के पोधो का ऊपरी भाग झुक जाता है और पत्तियों व तनो पर भूरे धब्बे बन जाते है। ऐसे में मेंकोजेब की 2 ग्राम मात्रा को प्रति लीटर की दर से घोल बनाकर जीरे की फसल पर छिड़काव करे। 

जीरे की खेती का उन्नत तरीका 

अगर उन्नत तरीके से जीरे की खेती की जाये तो इससे काफी बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है। जीरे के उत्पादन काल के दौरान बहुत सी बातो का ध्यान रखना होता है। जीरे की बुबाई से लेकर कटाई तक जिन बातो का ध्यान रखा जाता है। 

जीरे की फसल के लिए खेत की तैयारी का तरीका 

जीरे की खेती के लिए सबसे पहले खेत की तैयारी करना जरूर होता है। जीरे की खेती करने के लिए खेत की मिटटी पलटने वाले हल या कल्टीवेटर की मदद से एक गहरी जुताई करे और उसके बाद हीरो की मदद से दो या तीन उथली जुताई करके खेत में पाटा लगाकर खेत को समतल कर लेना चाहिए। इसके बाद 5 से 8 फिट लंबी क्यारी खेत से बनाये।जिससे जीरे की बुबाई और इससे फसल की सिचाई करने में आसानी रहती है।बुबाई से पहले बीज को 2 ग्राम कार्बेंडाजिम नमक दवा से प्रति किलो के अनुसार से बीज को उपचारित करके ही बुबाई करनी चाहिए।  also read : क्या आप भी जानते है ट्रेक्टर में आगे के टायर छोटे और पीछे के टायर बड़े क्यों होते है ?? जानिए इसका कारण


जीरे की फसल की कब करे कटाई 

जीरे की फसल में जब बीज और पौधा भूरे कलर का है जाये तो फसल पूरी पाक जाये तो तुरंत इसकी कटाई कर लेनी चाहिए।पोधो को अच्छी तरह से सुखकर थ्रेसर से मंढाई करके दाना अलग कर लेना चाहिए।दाने को अच्छे से सुखकर ही साफ बोरो में इसकी उपज की भडारण करना चाहिए। 

जीरे की फसल से कितना मिलता है उत्पादन और मुनाफा 

आपको बता दे की जीरे की खेती से प्राप्त उपज को तो जीरे की ऑस्ट उपज 7 से 8 क्विंटल बीज प्रति एकड़ आसानी से प्राप्त होती है।जीरे की खेती करने में लगभग 30 से 35 हजार रूपये प्रति एकड़ का खर्च होता है।जीरे के दाने का बाजार में भाव 120 रूपये से 180 रूपये प्रति किलो भाव रहता है जिससे किसान एक एकड़ खेत में इसकी खेती से 50 से 60 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से मुनाफा कमा सकते है।