गेंहू की उन्नत किस्में, कम कीमत में देगी अधिक उत्पादन

इन दिनों खरीफ की फसल की कटाई चल रही है और रबी की फसलों की बुवाई का समय चल रहा है ऐसे में रबी की फसलों में गेंहू की खेती प्रमुख रूप से की जाती है देश के लाखों किसानों के सामने गेंहू की खेती को लेकर के समस्या उतपन्न हो गयी है आज कृषि वैज्ञानिकों ने गेंहू की एक से बढ़कर एक किस्म उतपन्न की है जो काफी ज्यादा उत्पादन देती है इन्ही में से एक गेंहू किस्म पूसा गौतमी एचडी 3086 है जिसे पूसा संस्थान नई दिल्ली की दवारा विकसित किया गया है। इस किस्म की खास बात यह है की यह एक रोग प्रतिरोधी किस्म है जो एक हेक्टेयर में करीब 81 क्विंटल की पैदावार देती है।
पूसा गौतमी एचडी 3086 किस्म क्या है विशेषताएं
पूसा गौतमी एचडी 3086 किस्म की समय से बुवाई और सिंचित अवस्था के लिए उपयुक्त मानी गई है। गेहूं की यह किस्म उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में 145 दिन में तैयार हो जाती है। जबकि उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में यह 121 दिन में ही पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की खासयित है कि यह किस्म पीले तथा भूरे रतुआ रोग के प्रतिरोधी किस्म है यानि इस किस्म में इस रोग का प्रकोप कम होता है। इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा भी अधिक पाई जाती है। इस किस्म में उच्च निष्कर्षण दर 70.5 और उत्कृष्ट चपाती गुणवत्ता मूल्यांक 7.7 है। गेहूं की यह किस्म रोटी बनाने के लिए उपयुक्त है।
इन राज्यों में होती है इसकी खेती
गेहूं की इस किस्म को उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान बोया जा सकता है। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में झांसी डिवीजन को छोड़कर इसकी बुवाई होती है। इसके अलावा गेहूं की इस किस्म को जम्मू और कश्मीर के कुछ इलाकों में , हिमाचल प्रदेश में ऊना जिला और पावटा के कुछ हिस्से और उत्तराखंड के तराई क्षेत्र के साथ ही उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम और अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों के मैदानी क्षेत्रों के लिए विकसित किया गया है।
गेहूं की सबसे अधिक पैदावार देने वाली किस्में
उपरोक्त किस्म के अलावा गेहूं की कई ऐसी किस्में हैं जो अधिक पैदावार देती है। आप अपने क्षेत्र के हिसाब से गेहूं की किस्म का चयन करके इसकी बुवाई कर सकते हैं। गेहूं की अधिक उत्पादन देने वाली अन्य किस्में इस प्रकार से हैं।
गेहूं की डीबीडब्ल्यू 327 (करण शिवानी)
गेहूं की डीबीडब्ल्यू 327 करण शिवानी किस्म प्राकृतिक और कृत्रिम परिस्थितियों में स्ट्राइप और लीफ रस्ट रोग के लिए प्रतिरोधी किस्म है। यह किस्म 87.7 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक उपज दे सकती है। वहीं इसकी औसत उपज 79.4 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है। इस किस्म की बुवाई उत्तर मैदानी क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान में और पश्चिमी यूपी,जम्मू और कश्मीर के कुछ इलाकों में की जाती है। also read : तोरई की इस किस्म से किसानो को होगा बेहद लाभ,जानिए इनके बारे में