धान की पराली को जलाने के बजाय किसान ने इस तरह से लिया काम में, हुई 31 लाख रूपये की अधिक कमाई, गांव के लोगो के लिए बने प्रेरणा स्त्रोत

जब कभी धान की कटाई शुरू होती है तब किसानों और सरकार के सामने पराली की समस्या आ जाती है आए दिन किसान पराली को खेतो में जलते है और उन पर केस दर्ज करते है इसके साथ ही किसानों को हर्जाना भी देना होता है लेकिन इन सब के बीच में लुधियाना जिले के नूरपुर में रहने वाले लॉ ग्रेजुएट हरिंदरजीत सिंह गिल ने जिले में धान की पराली के प्रबंधन से 31 लाख रुपये से अधिक करके आसपास के किसानो के लिए आमदनी का अच्छा रास्ता खोज निकाला है ऐसे में जो किसान अभी भी पराली जलाने का सहारा ले रहे हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट में सामने बताया गया है कि प्रगतिशील किसान ने बात करते हुए बताया कि उन्होंने इस सीजन में धान की कटाई के बाद अपने खेतों में बचे लगभग 17,000 क्विंटल धान की पराली की गांठें बनाने के लिए 5 लाख रुपये का एक सेकेंड-हैंड चौकोर बेलर और 5 लाख रुपये का रैक खरीदा है।
धान की पराली से किसानों ने की 31.45 लाख रुपये की कमाई
किसान ने बताया, "मैंने धान की पराली से 31.45 लाख रुपये कमाने के लिए उन्हें 185 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से पेपर मिलों को बेच दिया है" अपने सफल पराली प्रबंधन से उत्साहित, 45 वर्षीय किसान ने अब अपने पराली प्रबंधन बिजनेस को और बड़ा करने की योजना बनाई है। एक बेलर और दो ट्रॉलियों की लागत 11 लाख रुपये थी और सभी खर्चों को पूरा करने के बाद, उन्होंने 20.45 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है।
गिल 52 एकड़ में करते हैं खेती
आपको बता दे, गिल 52 एकड़ में खेती करते हैं, जिसमें से उन्होंने 30 एकड़ में धान की खेती की थी, जबकि 10 एकड़ में अमरूद और पीयर यानी नाशपाती के बाग लगाए थे, इसके अलावा, बाकी 12 एकड़ में चिनार के पौधे लगाए थे।
गेंहू की खेती के लिए कर रहे यही इस यंत्र का इस्तेमाल
गेंहू की बुआई के लिए हैप्पी सीडर का उपयोग कर रहा हूँ इसके साथ ही किसान ने फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए खेतों में पराली जलाना बंद कर दिया है। इस वर्ष उन्होंने अपनी 30 एकड़ जमीन में 900 क्विंटल धान का उत्पादन किया है। वहीं उनका कहना है कि पिछले दो सालों से मुझे ऐसा करते हुए देखकर, मेरे गांव और आसपास के कई किसानों ने भी यही प्रथा अपनानी शुरू कर दी है।" also read : आज ही डाइट में शामिल करे मूली, शरीर को होंगे 6 जादुई फायदे