जानिए पहली बार गाय में हुई जीनोम सीक्वेंसिंग, यह है सबसे छोटी नस्ल की गाय और इसकी खासयित

 
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भारत में किसान कृषि के साथ साथ में पशुपालन का भी व्यवसाय भी करते है। इसके कारण देश में आए दिन पशुपालन का चलन बढ़ गया है। इसके लिए किसान भाइयो को सरकार भी सब्सिडी मुहैया करवा रही है। अगर आप भी अधिक पैसा कमाने के लिए पशुपालन करने के बारे में विचार कर रहे हैं, तो आपके लिए देसी नस्ल की गाय बेहद लाभकारी साबित होगी। इन गायों के कई फायदे होते हैं. दरअसल, प्राकृतिक खेती से लेकर यह दूध उत्पादन तक काफी लाभदायक होती हैं। ऐसे में IISER के वैज्ञानिको ने एक खोज की है। जिसमे हमे कई खास बातो के बारे में पता चला है तो आइए जानते है। 

पहली बार देसी नस्ल की गाय का हुआ जीनोम सीक्वेंसिंग
आपको बता दे, की भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने देसी गायों की ड्राफ्ट जीनोम सिक्वेंस तैयार कर दी है। देश में पहली बार देसी नस्ल की गाय पर जीनोम सीक्वेंसिंग की प्रोसेस की गई है जिसमे 4 नस्ल की गाय कासरगोड ड्वार्फ, कोसरगोड कपिला, वेचूर और ओगोंल को शामिल किया गया। जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि देसी नस्ल की गायों से पशुपालन के सेक्टर में अधिक वृद्धि होगी और साथ ही दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने यह भी पाया की देसी गाय की प्रजनन क्षमता में सुधार, दूध उत्पादन और अन्य कई तरह की खतरनाक बीमारियों से लड़ने व पहचान करने में कैसे मदद मिलेगी। 

क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग
आपको जीनोम सीक्वेंसिंग के बारे में बताते है यह किसी भी जीव-पौधे या फिर जानवरी की संरचना व संचालन के निर्देशों के ग्रुप का ब्लूप्रिंट को ही जीनोम कहा जाता है। बता दें कि इसमें जीव के बढ़ने, विकसित होने और सुचारू क्रियान्वयन आदि सभी जानकारी सरलता से पता चल जाती हैं। इसी के रिसर्च के चलते वैज्ञानिकों को यह पता चला पाया है कि भारतीय गाय कैसे अपना आप को किसी भी तरह के वातावरण में ढाल लेती है। देखा जाए तो यह दुनिया की सबसे पहली जिनोम सीक्वेंसिंग है, जिसके चलते इसे बायो आरएसआरपी में भी पब्लिश किया गया है। 

सबसे छोटी नस्ल की गाय 
इस रिसर्च से वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में भी मदद मिली है कि दुनिया की सबसे छोटी नस्ल की गाय वेचुर गाय है. बता दें कि इस गाय की हाइट बस 2.8 फीट तक होती है। ये ही नहीं इस गाय के दूध में बाकी गाय की तुलना में सबसे अधिक प्रोटीन पाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया की सबसे छोटी नस्ल की यह गाय प्रतिदिन 2 से 3 लीटर तक ही दूध देती है। अगर आप इस गाय को पालते हैं, तो इसके लिए आपको अधिक मेहनत करने की भी जरूरत नहीं होती है। क्योंकि यह बेहद कम चारे में अपना जीवन यापन कर सकती है। also read : 
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