Mustard Farming : सरसों की ये किस्म देगी 6 महीने में देगी बंफर उत्पादन, जान लीजिए खेती करने की भौगोलिक विधियां

हमारे देश में सरसों की खेती रबी के सीज़न में जाती है इसकी खेती के लिए आपको आपको खेतो की अच्छे से जुताई करने की जरूरत है बाजार में आजकल सरसों की कई तरह की किस्में उपलब्ध हो जाती है ऐसे ने नवगोल्ड किस्म सरसों की सबसे अच्छी किस्म मानी जाती है जिसकी खेती के लिए आपको कम मेहनत में ज्यादा उत्पादन की जरूरत होती है ऐसे में आइए जानते है सरसों की नई किस्म की खेती के बारे में जानते है।
तापमान
नवगोल्ड किस्म के उत्पादन के लिए आपको 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के तापमान की जरूरत है इसकी खेती सभी तरह की मृदाओं में की जा सकती है लेकिन बुलाई मिट्टी में इसका उत्पादन सबसे अच्छा होता है इसके बीज बुआई बीजोपचार करने की जरूरत है जिससे पैदावार काफी अच्छी होती है।
मिट्टी
सरसों की नवगोल्ड किस्म की खेती के लिए सबसे पहले खेत को टावेटर से जोत लें और पाटा की मदद से समतल कर लेवे। ध्यान रखिए , समतल मैदान में सरसों की खेती अच्छे से होती है।
फसल में सिंचाई
नवगोल्ड किस्म के बीजो का निर्माण वैज्ञानिक विधि से किया जाता है इस फसल की खेती के लिए आपको एक बार ही सिंचाई की जरूरत होती है। फसल में सिंचाई फूल आने के समय ही की जानी चाहिए।
खाद और उर्वरक
इस किस्म के बीजों के लिए जैविक खाद का उपयोग बेहतर माना जाता है। इसकी खेती के लिए गोबर के खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश की मात्रा को बैलेंस रखना चाहिए।
खरपतवार का नियंत्रण
सरसों की खेती के लिए समय समय पर इसकी निराई और गुड़ाई की जरूरत होती है बुवाई के 15 से 20 दिन के बाद में खेत में खरपतवार होने लगती है ऐसे में आप खरपतवार नाशी पेंडामेथालिन 30 रसायन का छिड़काव मिट्टी में कर सकते है। इसके साथ ही सरसों में कई किस्म के रोग लगते है जैसे आल्टरनेरिया, पत्ती झुलसा, सफ़ेद किट्ट, चूणिल और तुलासिता जैसे रोग लगते है तो आप फसलों पर मेन्कोजेब का छिड़काव कर सकते हैं। नवगोल्ड किस्म की फसलों में आम किस्म की तुलना में ज्यादा तेल का उत्पादन किया जा सकता है। also read : इस किसान ने अगस्त में धान की कटाई कर किया कमाल,45 दिन में तैयार हुई फसल