सरसों की ये 8 किस्में कुछ ही दिनों में तगड़ा उत्पादन, देखकर खुद की आँखों पर नहीं कर सकेंगे यकीन, जानिए कैसे ?

 
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भारत में बड़े पैमाने पर सरसों की खेती की जाती है जिसका उपयोग देशभर में बड़े स्तर पर किया जाता है। ऐसे में किसान सरसों की कुछ ऐसी किस्मों का अपना रहे है जो उन्नत के साथ गुणवत्ता में अच्छी होती है। आज हम आपको यहाँ पर सरसों की कुछ ऐसी ही किस्मों के बारे में बता रहे है जो काफी अच्छी पैदावार देती है तो चलिए जानते है। 

पूसा सरसों आर एच 30
उपयुक्त क्षेत्र: हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान,  पैदावार: 130-135 दिनों में, 16-20 क्विंटल/हेक्टेयर, तेल मात्रा: 39% तक उत्तरदायिता: मोयले कीट के प्रति संरक्षण

राज विजय सरसों-2 
उत्पादन क्षेत्र: मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पैदावार: 120-130 दिनों में, 20-25 क्विंटल/हेक्टेयर, तेल की मात्रा: 37-40% तक

पूसा सरसों 27
उत्पादन क्षेत्र: भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र, पूसा, दिल्ली, पैदावार: 125-140 दिनों में, 14-16 क्विंटल/हेक्टेयर तक, तेल की मात्रा: 38-45% तक

पूसा बोल्ड
उत्पादन क्षेत्र : राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र,  पैदावार: 130-140 दिनों में, 18-20 क्विंटल/हेक्टेयर, तेल की मात्रा: 42% तक

पूसा डबल जीरो सरसों 31
उपयुक्त क्षेत्र: राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर,  पैदावार: 135-140 दिनों में, 22-25 क्विंटल/हेक्टेयर, तेल की मात्रा: 41% तक

सीएस 54 (क्षारीय क्षेत्रों के लिए)
उत्पादन क्षेत्र: क्षारीय क्षेत्र, पैदावार: 120-130 दिनों में, 16-17 क्विंटल/हेक्टेयर, तेल की मात्रा: 40% तक

नरेंद्र राई 1 (लवणीय क्षेत्रों के लिए)
उत्पादन क्षेत्र: लवणीय क्षेत्र, पैदावार: 125-130 दिनों में, 11-13 क्विंटल/हेक्टेयर, तेल की मात्रा: 39% तक

एन.आर.सी.एच.बी 101
उत्पादन क्षेत्र: पिछेती बुवाई, पैदावार: 130-135 दिनों में, 14-16 क्विंटल/हेक्टेयर तेल मात्रा: 38-40% तक 

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