बैंगन की इन किस्मों से चमकेगी किसानों की किस्मत, रोपाई से पहले चैक करे नाम और विशेषता

हमारे देश में विभिन्न क्षेत्रों में बैंगन की अलग अलग किस्मों की खेती की जाती है बैंगन की सभी किस्मों के रंग और आकार में काफी अंतर होता है कई किस्मों के फल बैंगनी रंग होते है, जबकि कुछ किस्में होती है जिनके फल सफेद, हरे और गुलाबी रंग के होते है और फल का आकार भी रंग के अनुसार भिन्न भिन्न होता है बैंगन के फल गोल, अंडाकार लम्बे और नाशपाती जैसे होते है। अगर आप बैंगन की खेती करना चाह रहे हैं तो यहां से आप इसकी कुछ उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इन उन्नत किस्मों में आज हम आपको पूसा हाइब्रिड 5, अर्का नवनीत, ग्रीन लांग और पंजाब सदाबहार के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं-
पूसा हाइब्रिड 5
यह किस्म सबसे ज्यादा कर्नाटक, करेल और आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु के इलाकों में पाई जाती है इस किस्म के फल गहरे नील रंग के होते है और यह आकार में लम्बे होते है इसकी रोपाई के लगभग 80 से 90 दिन बाद फलों की पहली तुड़ाई की जाती है प्रति एकड़ हेत की उपज २० से 26 टन होती है।
अर्का नवनीत
इस किस्म के फल गोल आकार के होते है और फल चमकीले बैंगनी रंग के होते है इस किस्मखास बात यह है की इसके फलों में गुदा अधिक और बीज कम होते है। प्रत्येक फल का वजन 350-400 ग्राम होता है प्रति एकड़ भूमि पर उपज 24 से 26 टन तक होती है।
ग्रीन लांग
यह संकर किस्मों में से एक होती है इसके फल लम्बे और हर रंग के होते है और इसके पौधे का गुच्छा उत्पन्न करते है पहली कटाई रोपाई के लगभग 60 दिन बाद की जा सकती है।
पंजाब सदाबहार
इस किस्म के पौधे की ऊंचाई 50 -60 सेमि होती है इसके फल लम्बे घेरे बैंगनी और कांटेदार होते है फलों की लम्बाई 18-20 सेमी तक होती है इस किस्म में फल छेदक कीट का प्रकोप होता है इसकी प्रति एकड़ खेत में 12 से 16 टन बैंगन प्राप्त किया जा सकता है। इन किस्मों के अलावा बैंगन की कई अन्य किस्में भी हैं जिनकी खेती सफलतापूर्वक की जाती है। इन किस्मों में पूसा हाइब्रिड 6, भीमा, पंत ऋतुराज, पूसा संकर 9, पूसा श्यामल, पूसा क्रांति, पंत सम्राट, काशी संदेश, अर्का कुसुमकर, अर्का नीलकंठ आदि शामिल हैं. ये सभी किस्में किसान कम लागत के साथ कर सकते हैं। also read : एक कमरे में बिना मिट्टी और पानी के एयरोपॉनिक विधि से केसर की खेती कर रहा है ये किसान गांव के लोगो के लिए बना मिसाल