इस किसान ने अगस्त में धान की कटाई कर किया कमाल,45 दिन में तैयार हुई फसल

बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है।यहाँ पर जुलाई के आखिरी हफ्ते तक कई किसान धान की रोपाई ही कर रहे थे।लेकिन आज एक ऐसे किसान ने अगस्त में ही धान की कटाई शुरू कर दी।अच्छी बात यह है की इन्होने एक एकड़ में इंडिया गेट धान की खेती की थी।इससे 16 क्विंटल के करीब इंडिया गेट धान का उत्पादन हुआ है।अब इस किसान की चर्चा हर जगह है।वे लोगो के लिए एक मिसाल बन गए है। also read : बकरियों में बढ़ा लंपी वायरस का खतरा, जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय
यह किसान संजय सिंह है।संजय सिंह कैमूर जिले के बागड़ी गांव के रहने वाले है।उन्होंने एक एकड़ में गरमा धान की खेती की थी।अच्छी बात यह है की संजय पिछले दो साल से इंडिया गेट धान की खेती कर रहे है।लेकिन इस बार उन्होंने जायद सीजन में इसकी खेती करने का फैसला किया और उन्हें काफी हद तक इसमें सफलता भी मिली।संजय सिंह का कहना है की गरमा धान की खेती करने में खरीद सीजन के मुकाबले कम खर्च हुए साथ ही पानी की बर्बादी भी कम हुई।वे धान ककी बम्पर उत्पादन से खुश है।उनका कहना है की अगले साल से वे 10 एकड़ में धान की खेती करेंगे।
45 दिन में तैयार हो गई फसल
संजय सिंह का कहना है की गरमा धान की खेती करने का आइडिया यूपी के अंबेडकर नगर से मिला।वह पर उन्होंने किसानो को जायद सीजन में धान की खेती करते हुए देखा।इसके बाद उन्होंने अपने गांव में आकर गरमा धान की खेती शुरू कर दी।उनका कहा है की अप्रेल में इंडिया गेट धान की नरसरी तैयार करने के लिए बुवाई की थी।मई के आखिरी हफ्ते में इसकी रोपाई की।संजय सिंह की मने तो महज 45 दिन में फसल तैयार हो गई थी।लेकिन बारिश के कारण से इसकी कटाई करने में 29 दिनों की देरी हुई।इसके कारण अगस्त में धान काटना पड़ा।
किसान संजय सिंह का कहना है की जायद सीजन में केवल दो बार ही धान की फसल की सिचाई करनी पड़ती है,जिससे खेत में नमि बनी रहे। साथ ही फसलों के ऊपर लागत भी कम आती है।उनका मानना है की जायद सीजन की सबसे बड़ी खासियत यह है की महज 45 से 50 दिनों में ही फसल तैयार हो जाती है।ऐसे धान की फसल को तैयार होने में 130 से 140 दिन लग जाते है।उनका कहना है की 16 क्विंटल धान में लगभग 11 क्विंटल तक चावल का प्रोडक्शन होगा।अभी 1000 रूपये में 10 किलो इंडिया गेट चावल आ रहा है।इस तरह वे 1100 किलो चावल बेचकर एक लाख रूपये से ज्यादा की कमाई कर सकते है।