शादीशुदा सतीश कौशिक प्रेग्नेंट नीना गुप्ता से करना चाहते थे शादी, लेकिन एक्ट्रेस ने इस वजह से किया इंकार

मशहूर एक्टर, डायरेक्टर और राइटर सतीश कौशिक इस दुनिया में नहीं रहे है। उनकी उम्र 67 साल थी। 13 अप्रैल 1967 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ में जन्मे सतीश का फिल्मी सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। उन्होंने NSD और FTII से पढ़े सतीश को अपने करियर के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ा। 1980 के दशक के आसपास फिल्मो का स्ट्रगल शुरू हुआ। 1980 के आसपास फिल्मों का स्ट्रगल शुरू हुआ। पहचान मिली 1987 में आई फिल्म मि. इंडिया के कैलेंडर वाले रोल से।
कैलेंडर बनकर सतीश सपोर्टिंग रोल के लिए बॉलीवुड की नई चॉइस बन गए। हालांकि, इसके पहले से वो डायरेक्शन में उतरने की कोशिश कर रहे थे। 1983 में शेखर कपूर के साथ बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर फिल्म मासूम में काम किया था। उन्होंने कई यादगार फिल्मों में काम किया और कई शानदार फिल्में डायरेक्ट भी कीं। सतीश एक्ट्रेस नीना गुप्ता के करीबी दोस्त थे और एक समय ऐसा भी आया जब वो नीना से शादी करना चाहते थे।
नीना गुप्ता ने दी श्रदांजलि
नीना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा, 'दोस्तों आज सुबह बहुत बुरी खबर के साथ हुई। इस दुनिया में एक ही आदमी था जो कि मुझे नेंसी कहता था और मैं उसको कौशिकन। बहुत पुराना साथ हमारा… दिल्ली मैं...कॉलेज के दिनों से साथ थे…चाहे मिलें ना मिलें… नहीं रहा वो अब... ये बहुत दुख की बात है। उनकी छोटी बच्ची वंशिका और वाइफ शशि के लिए बहुत मुश्किल समय है।'
प्रेग्नेंट नीना गुप्ता से करना चाहते थे शादी
सतीश कौशिक ने एक बार नीना गुप्ता को शादी का प्रपोजल दिया था। जून 2021 में नीना गुप्ता ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘सच कहूं तो’ में खुद लिखा था कि एक अच्छा दोस्त होने के नाते सतीश ने उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था।दरअसल, नीना गुप्ता 80 के दशक में वेस्टइंडीज के क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स के साथ रिलेशनशिप में थीं। विवियन पहले ही मिरियम नाम की एक महिला से शादी कर चुके थे, जिससे उन्हें दो बच्चे भी थे। ऐसे में जब नीना प्रेग्नेंट हुईं तो विवियन ने नीना से शादी करने से इनकार कर दिया। नीना टूट चुकी थीं। जब सतीश को इस बारे में पता चला तो वो सीधे नीना के पास पहुंच गए।
उन्होंने नीना को ये कहते हुए प्रपोजल दिया कि अकेले बच्चा पैदा करने पर बदनामी होगी। अगर बच्चे का रंग सांवला होगा तो लोगो को ये लगेगा की वह बच्चा सतीश का है। ये सुनते ही नीना की आँखों में आंसू आ गए लेकिन उन्होंने इस समय शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। नीना ने 1989 में बेटी मसाबा गुप्ता को जन्म दिया और अकेले ही उसकी परवरिश की, हालांकि इसके बाद भी वो क्रिकेटर विवियन से टच में रहीं।
पहले से शादीशुदा थे कौशिक
नीना को शादी का प्रपोजल देने से 4 साल पहले ही सतीश 1985 में शशि कौशिक से शादी कर चुके थे। जब नीना गुप्ता की ऑटो बायोग्राफी सच कहूं तो लॉन्च हुई तो एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि इस पर उनकी पत्नी का क्या रिएक्शन था। सतीश ने बताया कि उनकी पत्नी, नीना को अच्छी तरह जानती थी और दोनों की दोस्ती को समझती थी। एक दोस्त होने के नाते नीना अक्सर उनके घर भी आती थीं, ऐसे में उन्होंने भी दोस्ती की इज्जत रखी और कोई नेगेटिव रिएक्शन नहीं दिया।
बेटे की मोत पर लगा सदमा
रील लाइफ में अपनी कॉमेडी से लोगों को हंसाने वाले सतीश कौशिक की रियल लाइफ कम दुखों भरी नहीं रही। उनके बेटे शानू की मौत ने उन्हें बेहद तोड़कर रख दिया था। मौत के वक्त शानू की उम्र केवल दो साल थी। इसके काफी समय बाद कौशिक के घर में खुशियां आ पाईं। उनके घर 15 जुलाई 2012 को बेटी वंशिका का जन्म सरोगेसी से हुआ था। उस वक्त सतीश 57 साल के थे। उनके घर में यह खुशी बेटे शानू की मौत के 16 साल बाद आई थी। सतीश ने बेटी के जन्म की खुशखबरी साझा करते हुए अपने बयान में कहा था, 'यह एक बच्चे के लिए हमारे लंबे और दर्दनाक इंतजार का अंत है।'
अपनी कॉमेडी से लोगो को हंसाने वाले सतीश कौशिक की रियाल लाइफ कम दुखों भरी नहीं रही। उनके बेटे की शानू की मौत ने उन्हें बेहद तोड़कर रख दिया था। मौत के वक्त शानू की उम्र केवल दो साल थी। इसके काफी समय बाद कौशिक के घर में खुशियां आ पाई उनके घर के 15 जुलाई 2012 को बेटी वंशिका का जन्म सरोगेसी से हुआ था। उस वक्त सतीश 57 साल के थे। उनके घर में यह खुशी बेटे शानू की मौत के 16 साल बाद आई थी। सतीश ने बेटी के जन्म की खुशखबरी साझा करते हुए अपने बयान में कहा था, 'यह एक बच्चे के लिए हमारे लंबे और दर्दनाक इंतजार का अंत है।'
पढ़ाई खूब की लेकिन काम नहीं मिलता
एक इंटरव्यू में सतीश ने कहा था- मैं आया तो एक्टर बनने ही था, लेकिन NSD और FTII से पढ़ा लिखा एक्टर होने के बाद भी काम नहीं मिल रहा था। मैं साधारण परिवार से था। गुज़ारे के लिए एक कम्पनी में नौकरी की। वहां मेरा काम था दीवार पर लटके यार्न को लकड़ी से साफ करना। एक साल तक मैंने यह भी किया।कलेजा फट पड़ता था यह सोचकर कि दिल्ली से यहां मैं करने क्या आया था और कर क्या रहा हूं। फिर असिस्टेंट डायरेक्शन किया और तीन प्रोजेक्ट बाद डायरेक्शन का ऑफर मिला। नियति का खेल ही ऐसा है। हम मांगते कुछ और हैं, मिलता कुछ और है, लेकिन मेरा मानना है कि जो भी करो पूरी ताक़त झोंक दो। also read : जब महाराष्ट के गांव में किसान से मिले सनी देओल ..हस्ते हुए कहा ..है वही हु ...