कब्ज की वजह से हो सकता है आंतो में कैंसर, बचने के लिए करे ये खास उपाय

कोलन या कोलोरेक्टल कैंसर। यह कोलन यानी बड़ी आंत या रैक्टम यानी गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल के अंतिम भाग में होता है। भारत में इसके केस बढ़ रहे हैं। इंडियन काउंलिस ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में कोलोरेक्टल कैंसर के 19 लाख नए मामले सामने आए। कोलन कैंसर की अवेयरनेस के लिए मार्च का महीना वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO ने चुना है। आज हम आपको इस पोस्ट के जरिए आंतो में होने वाले कैंसर के बारे में जानकारी देने जा रहे है तो आइये जानते है ये क्यों होता है।
भारत में आंतों का कैंसर बढ़ने की वजह क्या है?
- अमेरिका और इंग्लैंड में कोलन कैंसर तीसरा सबसे बड़ा कैंसर है। अमेरिकी कैंसर सोसाइटी के मुताबिक 2023 की शुरुआत में ही कोलन कैंसर के 106,970 केस आ चुके थे। इंग्लैंड की बात की जाए तो यहां भी एक साल में 50 हजार केस आते हैं। इन दोनों देशों की तुलना में कोलन कैंसर के केस भारत में पांच साल पहले तक बहुत कम थे।
- हाई फाइबर वाले खाने जैसे- गेहूं, जौ, मक्का और साबुत अनाज, दाल, गाजर चुकंदर आदि खाना हमने कम कर दिया। इसके बदले हम जंक और फास्ट फूड भी शामिल होते है।
- नॉन वेज खाने वालों की संख्या बढ़ी है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण भारत में 90% लोग नॉनवेजिटेरियन हैं। वहीं UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 42% लोग नॉनवेज खाने लगे हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि रेड मीट यानी लैंब, मटन, पोर्क और प्रोसेस्ड मीट में कार्सिनजोनिक होता है। यह टिश्यूज को कैंसर के टिश्यू में बदलने की ताकत रखता है।
- हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट जैसे चीज, बटर, हेवी क्रीम बर्गर, पिज्जा में डालकर खाना भारतीयों की आदत बन गई है। ये सब डेली फूड इनटेक में शामिल हो गए। इससे भी कब्ज और पेट रिलेटेड दूसरी समस्या होती है। सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो कैंसर की वजह बन सकता है।
- शराब-सिगरेट पीने वालों की भी संख्या पहले से बढ़ी है।
कोलोन कैंसर के लक्षण
- स्टूल में ब्लड का आना
- वजन का कम होना
- पेट का फूलना
- कमजोरी
- वोमिटिंग
- ऑटो का मूवमेंट बदलना
- पेट में दर्द
- पेट का साफ नहीं होना
कोलन कैंसर से बचने के लिए क्या करे
- 45 साल से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को साल में एक बार कोलन कैंसर की जांच करानी चाहिए।
- जंक , फास्ट फूड और स्ट्रीट फूड खाना कम कर दें। खाने में वो सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें जिनमें विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। ये आंत और कोलन को हेल्दी रखने में मदद करेंगे।
- अपने तनाव को कम करने के लिए योग या मेडिटेशन करें। जरूरत पड़ने पर साइकोलॉजिस्ट को दिखाएं।
- डायबिटीज के पेशेंट सही ट्रीटमेंट लें, क्योंकि शरीर में इंसुलिन रजिस्टेंट कोलोरेक्टल कैंसर का कारण बन सकता है।
- कब्जियत की प्रॉब्लम है तो उसे इग्नोर न करें, डॉक्टर की सलाह लें।
- पानी भरपूर पिएं। पानी का मतलब पानी ही पिएं, उसे जूस, नारियल पानी से रीप्लेस न करें।
कोलन कैंसर का इलाज
कोलन कैंसर के स्टेज को देखते हुए रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी दी जाती है। जरूरत पड़ने पर ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है। सर्जरी के लिए लैप्रोस्कोपिक और रोबोटिक दोनों ही टेक्नीक यूज की जाती है।also read : कब्ज, बवासीर, शुगर, गुर्दे की पथरी, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसे रोगो में काफी फायदेमंद होती मूली, जानिए इसके जबरदस्त फायदे