फल और सब्जियों में मौजूद प्रोटीन बन सकता है एलर्जी कर कारण, गला-पेट होगा खराब, शरीर पर पड़ेंगे चकत्ते

आज हम आपको कुछ बच्चो की कहानी उनकी माँ के द्वारा सुनाने जा रहे है। एक माँ का कहना है की मेरा बच्चा लौकी और बैंगन की सब्जी नहीं खाता है। उसे इन सब्जियों से एलर्जी है। यदि वह भूलकर भी लौकी और बैंगन की सब्जी खा ले तो स्कीन पर रैसेज आ जाते है। ऐसा आपने कई लोगों को कहते सुना होगा। किसी को आलू तो किसी को शिमला मिर्च, गाजर तो किसी को सीताफल से एलर्जी होती है। केवल सब्जी ही नहीं, कई लोगों को फलों से भी एलर्जी होती है। किसी को सेब तो किसी को केला, खजूर, खरबूज से एलर्जी होती है। देखा जाए तो अब फूड एलर्जी के मामले बहुत आते हैं। स्किन पर रैशेज, खुजली के मामले तो कॉमन हैं। गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर और सिर भारी रहने की शिकायतें भी होती हैं। ऐसे में आज हम आपको इस पोस्ट के जरिए बताने जा रहे है कि लोगो को फलो और सब्जियों से एलर्जी क्यों होती है।
क्यों होती है फलों और सब्जियों से एलर्जी
फल और सब्जियों में एक खास तरह का प्रोटीन होता है जिसे प्रोफिलिंस कहते हैं। खट्टे फलों नींबू और संतरा, केला, तरबूज, खरबूज और टमाटर में ये प्रोटीन अधिक पाए जाते हैं। इस प्रोटीन को हमारा इम्यून सिस्टम स्वीकार नहीं कर पाता, तब यह रिएक्शन के रूप में दिखता है। कई बच्चों को किवी, एवोकाडो, ड्रैगन फ्रूट जैसे फलों से एलर्जी होती है, इसका कारण भी ये प्रोटीन ही होता है।
एलर्जी का कारण क्या कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल है?
सब्जी और फलों को उगाने के लिए कई स्तरों पर कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल होता है। फलों को पकाने के लिए कार्बाइड जैसे रसायन होते हैं। किसी फल या सब्जी से एलर्जी होने के पीछे ये कीटनाशक दवाएं हो सकती हैं।
क्या ऑर्गेनिक सब्जियों से भी एलर्जी हो सकती है?
ऑर्गेनिक सब्जियों को सेहत के लिए सेफ बताया जाता है लेकिन जरूरी नहीं कि इनसे एलर्जी न हो। कुछ लोगों को जन्म से ही खास फलों और सब्जियों के प्रति एलर्जी होती है।
जिन्हें लेटेक्स एलर्जी, उन्हें फल-सब्जियों से एलर्जी अधिक
लेटेक्स एलर्जी तब होती है जब आप नेचुरल या सिंथेटिक रबड़ से बनी चीजों का इस्तेमाल करते हैं। कपड़े-जूते, दास्ताने, इलास्टिक बैंड, बैलून, बेबी फीडिंग बॉटल जैसी चीजों से अधिक एलर्जी होती है। जिन्हें रबड़ से बनी चीजों से एलर्जी होती है उनमें पपीता, एवोकाडो, केला, अंजीर, खरबूज, आम, किवी, पाइन ऐपल, पीच, टमाटर से एलर्जी देखने को मिलती है।
कई सब्जियों को सलाद के रूप में भी खाया जाता है जैसै खीरा, ककड़ी, टमाटर, सेलेरी। कई लोग कहते हैं कि सब्जियों को कच्चा खाने से उन्हें एलर्जी होती है, लेकिन इन्हें पकाकर खाने में दिक्कत नहीं होती। इसी तरह सेब, केला, आम को सीधे-सीधे खाने से एलर्जी हो सकती है। लेकिन मैंगो शेक, बनाना शेक या सेब का मुरब्बा खाने में एलर्जी नहीं होती। डॉ. विजयश्री बताती हैं कि फल और सब्जियों को पकाने या उन्हें दूसरे रूप में इस्तेमाल करने से एलर्जी पैदा करने वाले प्रोटीन खत्म हो जाते हैं।
क्या पकाकर खाने से एलर्जी कम होती है?
कई सब्जियों को सलाद के रूप में भी खाया जाता है जैसै खीरा, ककड़ी, टमाटर, सेलेरी। कई लोग कहते हैं कि सब्जियों को कच्चा खाने से उन्हें एलर्जी होती है, लेकिन इन्हें पकाकर खाने में दिक्कत नहीं होती। इसी तरह सेब, केला, आम को सीधे-सीधे खाने से एलर्जी हो सकती है लेकिन मैंगो शेक, बनाना शेक या सेब का मुरब्बा खाने में एलर्जी नहीं होती। डॉ. विजयश्री बताती हैं कि फल और सब्जियों को पकाने या उन्हें दूसरे रूप में इस्तेमाल करने से एलर्जी पैदा करने वाले प्रोटीन खत्म हो जाते हैं।
क्या आलू खाने से भी एलर्जी होती है?
आलू में कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च की मात्रा अधिक होती है। जब कोई अधिक मात्रा में आलू खाता है तो उसे एलर्जी हो सकती है। बच्चों की स्किन पर लाल चकत्ते हो सकते हैं। अगर उन्हें पहले से एक्जिमा या स्किन से जुड़ी बीमारी है तो स्थिति गंभीर हो सकती है। एक्जिमा से पीड़ित व्यक्ति कच्चा आलू छू भी ले तो उसे एलर्जी हो जाती है। also read : करि पत्तो का खाली पेट सेवन करने से सेहत में होने वाले इन बेहतरीन फायदों के बारे में