करी पत्ता-पुदीने की चटनी से दूर होते है ये रोग, आज ही डाइट में जरूर करे शामिल

 
vc

आयुर्वेद में हेल्दी बॉडी के लिए कई तरह की चीजे बताई गयी है। जिसका यदि सही तरह से इस्तेमाल किया जाए तो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। आज हम आपको इस पोस्ट में एक ऐसी चटनी के बारे में बताने जा रहे है जो खून की कमी को दूर कर,शुगर, मोटापा, गैस, बदहज़मी, खून की कमी और लिवर के रोगों को भी दूर रखेगी।

चटनी बनाने की विधि 
करी पत्ता, पुदीना, हरा धनिया बराबर मात्रा में लें। इसमें 1 टी-स्पून जीरा और आधा नींबू का रस, सेंधा नमक मिलाएं। इसमें आधा कप पानी भी डालकर मिक्सी में बारीक पीस लें।

करी पत्ते के फायदे
करी पत्ते को डेली डाइट में शामिल करने से आंखों की रौशनी बढ़ती है, आयरन की कमी दूर होती है, लिवर मजबूत होता है और डाइजेशन अच्छा होता है। यह शरीर में सूजन और दर्द को दूर करने में सहायक है। डाइक्लोरोमेथेन, एथिल एसीटेट और महानिम्बाइन से भरपूर करी पत्ता खाने से वजन भी कंट्रोल में रहता है। करी पत्ता में एंटीऑक्सीडेटिव प्रभाव मौजूद होता है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हो सकता है। वहीं, इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाने में जिम्मेदार हो सकते हैं। करी पत्ते के सेवन के फायदे मॉर्निंग सिकनेस से राहत पाने में देखे जा सकते हैं। गर्भावस्था के आम लक्षणों में उल्टी या मतली भी शामिल है, जिसे आमतौर पर मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है । शोध की मानें तो गर्भावस्था में करी पत्ता का उपयोग उल्टी और मतली को ठीक करने में मददगार हो सकता है।

कोल्ड कफ को दूर करे पुदीना 
पुदीना पाचन में मददगार होता है यह पेट की मांशपेशियों को आराम पहुंचाने के साथ साथ में सहायक बाइल्स के प्रवाह में भी सुधर करता है। कोल्ड और फ्लू की समस्या को दूर करने के लिए पुदीना काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। पुदीना में पाया जाने वाला मेन्थॉल, बलगम को बाहर निकालने में मददगार हो सकता है। यह जमे हुए कफ को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण से भरपूर पुदीना स्किन प्रॉब्लम्स में भी हेल्पफुल है।

हरे धनिये के फायदे
धनिया की पत्तियों में विटामिन-C होता है। यह शरीर में आयरन का अवशोषण बढ़ा कर एनीमिया की रोकथाम में मदद कर सकता है। धनिया में आयरन भी होता है, जो सीधे तौर पर शरीर में खून की पूर्ति करने में मदद कर सकता है और एनीमिया की समस्या दूर कर सकता है। धनिया पत्ते के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसके ये गुण हानिकारक यूवी किरणों त्वचा की सुरक्षा करने व घाव भरने में मदद कर सकते हैं। साथ ही मॉइस्चराइजर के रूप में भी त्वचा पर धनिया के पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है। धनिया के पत्तों का इस्तेमाल बवासीर के इलाज में भी किया जाता है। धनिया के पत्ते का सेवन करने से पीरियड्स में होने वाले पेट दर्द से राहत मिलती है।

बदहजमी, कब्ज, सीने में जलन, खट्टी डकार दूर करे सेंधा नमक
सेंधा नामक में इलेक्ट्रोलाइट्स पर्याप्त मात्रा में होता है। अगर किसी को मांसपेशियों में दिक्क्त होती है तो वह एक टब में सेंधा नामक मिलकर उसमे कुछ देर बैठ सकता है। इसके साथ ही गुनगुने पानी में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर पीने से भी फायदा हो सकता है । बदहजमी, कब्ज, सीने में जलन, खट्टी डकार व गैस से राहत पाने के लिए भी सेंधा नमक फायदेमंद है। सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या से निजात पाने के लिए हिमालयन सॉल्ट यानी कि सेंधा नमक को गुणकारी बताया गया है। also read : 
महिला के बिना अकेला पुरुष ही पैदा कर सकेगा बच्चा, जापान में चूहों पर हुआ प्रयोग