महिला के बिना अकेला पुरुष ही पैदा कर सकेगा बच्चा, जापान में चूहों पर हुआ प्रयोग

 
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आपने अक्सर यह कहानी तो पढ़ी ही होगी कि एक लड़के को पढ़ाने से एक व्यक्ति पढ़ता है लेकिन एक लड़की को पढ़ाने से पूरा परिवार ही शिक्षित होता है। पढ़ाई के मामले में ऐसा हो या नहीं। लेकिन सेहत के मामले में ऐसा अवश्य होता है। इंपीरियल कॉलेज लंदन और द जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की नई रिसर्च में दावा किया गया है कि महिलाओं का सेहतमंद होना पूरे देश और समाज की सेहत को सुधार सकता है। रिसर्च में पाया गया कि जिन देशों में महिलाओं की सेहत के लिए बेहतर काम हुए, वहां के पुरुषों की सेहत भी अपने आप बेहतर होती चली गई। सेहतमंद महिलाएं ओवरऑल सोसाइटी की हेल्थ पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। दूसरी ओर, महिलाओं के बीमार होने से पूरी सोसाइटी की सेहत गिरती चली जाती है।

अमेरिकी बच्चों में गांजे से फैल रहा है अस्थमा 
अमेरिका के जिन राज्यों में गांजा पीना लीगल है; वहां के बच्चों में अस्थमा के मामले बढ़े हैं। यह दावा एक नई स्टडी में किया गया है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेलमैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और द सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क की स्टडी में पाया गया कि गांजा 0 से 12 साल तक के बच्चों में अस्थमा का कारण बन रहा। बच्चे गांजा नहीं पीते; बावजूद इसके दूसरों के गांजे का धुंआ उनके अंदर जाता है। इसे पैसिव स्मोकिंग कहते हैं। यही धुंआ बच्चों में अस्थमा का कारण बन रहा है।

बिना महिलाओ के पुरुष पैदा कर सकेंगे बच्चा, जापान में हुआ प्रयोग 
आपको बता दे, आने वाले कुछ समय के बाद में महिलाओ की भूमिका खत्म होने जा रही है। दो पुरुष या कोई पुरुष अकेले ही बच्चे पैदा कर सकता है। जापान में चूहों पर हुए एक प्रयोग में इस संभावना को बल मिला है। इस प्रयोग के दौरान जापान की चुशू यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दो नर चूहों के शरीर से सेल निकाल कर उससे एग यानी गर्भ का निर्माण किया। जिसके बाद लैब में ही चूहे का बच्चा विकसित होने लगा।इस प्रयोग में शामिल वैज्ञानिकों को कहना है कि आने वाले 10 साल में यह तकनीक इंसानों पर भी आज़माई जा सकती है। इसके बाद गे कपल के लिए बायलॉजिक पेरेंट्स बनना आसान हो जाएगा। इस तकनीक की मदद से अकेला पुरुष भी बच्चे पैदा कर सकता है।

प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए आर्टिफिशियल लाइट खतरनाक, अमेरिकी रिसर्च में दावा
प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए आर्टिफिशियल लाइट खतरनाक हो सकती है। इससे मां की सेहत के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत भी बिगड़ सकती है। ऐसा दावा अमेरिका में हुए एक हालिया रिसर्च में किया गया है। सोने से 3-4 घंटे पहले जो प्रेग्नेंट महिलाएं मोबाइल फोन, लैपटॉप या दूसरे किसी गैजेट की आर्टिफिशियल लाइट के संपर्क में रहती हैं। उनके बच्चे में गर्भकालीन मधुमेह यानी जेस्‍टेशनल डायबिटीज के साथ पैदा होने के आशंका बढ़ जाती है।also read : 
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