68 हजार करोड़ रूपये में बनकर तैयार हुआ समुद्र पर तैरता हुआ गंगा विलास क्रूज, जानिए कौन है इसके मालिक

दुनिया का सबसे बड़ा विशाल रिवर क्रूज गंगा विलास क्रूज अपने सफर के लिए निकल चुका है। वाराणसी से निकलकर यह क्रूज अपने 39 यात्रियों के साथ 51 दिनों के सफर पूरा करते हुए डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।इस सफर के लिए आपको 20 से 25 लाख रूपये का खर्चा आता है। इस लग्जरी क्रूज को लेकर लोगो में दीवानगी है। लोगो की इसकी तस्वीरें देखते ही काफी ज्यादा उत्सुकता हो रही है। और लोग इसका इंटीरियर देखना चाहते है। इसके टिकट मार्च 2024 तक फुल हो जायेंगे। गंगा विलास क्रूज को शाही सवारी के साथ में भारतीय संस्कृति को देखने के लिए लोग इतनी मोटी रकम देने को भी तैयार है। इस क्रूज में वो तमाम सुविधाएं हैं,जो आपको राजा-महाराजाओं वाली फीलिंग करवाएगी।
गंगा विलास क्रूज के शाही अन्दाज कि इतनी ज्यादा चर्चा हो रही हैं। इसे बनाने वाली की काफ़ी ज्यादा चर्चा हो रही हैं. आपको बता दे गंगा विलास क्रूज के मालिक का नाम राज सिंह हैं.।अंतरा क्रूज कंपनी ने इसका निर्माण किया है। राज सिंह इसके कंपनी के सीईओ और फाउंडर है। इस लग्जरी गुड्स के बारे में एक टीवी चैनल से बात करते हुए उनका कहना है कि यह अन्य क्रूज से बिल्कुल अलग है उन्होंने बताया कि इस क्रूज का निर्माण प्राइवेट कंपनी मैनेज कर रही है। इसके संचालन में आईलैंड वाटर वेज और चैरिटी ऑफ इंडिया से जो कि मिनिस्ट्री ऑफ शिपिंग पोर्ट एंड वर्टिसेज के अंदर आती है। उसका समर्थन मिला है।
इस लग्जरी क्रूज को बनाने वाली कंपनी के मालिक राज सिंह 15 सालों से इस कारोबार में काम कर रहे हैं। अब तक उनकी कंपनी नो लग्जरी क्रूज बना चुकी है वह खुद एक वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट है। बता दे एक बार उन्हें एक कार्यक्रम में स्पीकर के तौर पर बुलाया गया था इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में राज सिंह ने अपने भाषण में कहा कि हमें वाटर टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहिए। इसे बढ़ाने के लिए वाराणसी से डिब्रूगढ़ के बीच स्कूल से चलानी चाहिए केंद्रीय मंत्री सोनेवाल को उनका यह आईडिया काफी पसंद आया। इसके बाद में गंगा विलास कि शुरुआत हो गई।
क्यों खास हैं गंगा विलास क्रूज
इस क्रूज के मालिक राज सिंह का कहना है कि इसके डिजाइन और इंटीरियर डॉक्टरअनीपूर्ण गनीमाला ने की है। भारतीय संस्कृति और यहां की परंपरा को ध्यान में रखते हुए इसे डिजाइन किया गया है। क्रूज के डिजाइन में ब्राइट और लाइट रंगों का इस्तेमाल हुआ है। इस क्रूज को भी भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखकर ही तय की गई है। उसको सजाने के लिए मेक इन इंडिया और भारतीयता पर फोकस किया गया हैं।
ना नॉनवेज और ना शराब
इस क्रूज के मालिक राज सिंह ने बताया कि उनका पूरा फोकस गुरुजी में आए टूरिस्ट को 121 एक्सपीरियंस मिले उन्होंने कहा कि यहां खाने-पीने की चीजों में कई ऑप्शन दिए गए हैं. इसके अंदर कॉन्टिनेंटल भोजन परोसा गया है. आपको बता दें इस ग्रुप में नॉन वेज भोजन नहीं परोसा जाएगा साथ ही इसमें शराब पर उसे जाने के लिए इंकार किया गया है.
क्रूज में आएगा खर्चा
आपको बता दें गंगा बिलासपुर उसकी लंबाई 62 मीटर है यह क्रूज पूरी तरह से मेड इन इंडिया से तैयार किया गया है इसे प्यार करने में करीब 68 करोड का खर्चा आया था। उन्होंने कहा कि अगर इस ग्रुप को भी देश में तैयार किया जाता है तो उसका खर्चा दुगना हो जाता है यह कुर्सी मेक इन इंडिया के मानदंड पर पूरी तरह से खरा उतरा है।
क्रूज पर जिम,स्पा
इंटरनेशनल टूरिस्ट जब आते हैं तो वह कई तरह की सुविधाएं खोजते हैं। इस पुल को इंटरनेशनल टूरिस्ट के हिसाब से बनाया गया है। इसलिए इसमें यात्रियों को तमाम तरह की सुविधाएं मिल जाती है। उनके मनोरंजन के लिए म्यूजिकल नाइट सांस्कृतिक कार्यक्रम संगीत आदि की व्यवस्था भी है। यहां जिम, सपा, ओपन गार्डन, स्पेस बालकनी की सुविधा है। यह क्रूज 51 दिनों में 32 किमी की यात्रा करता है। also read ; सर्दियों के मौसम में नहीं जम रहा है दही तो अपनाएं ये आसान ट्रिक, आएगी मोठी मलाई