आँखों के नीचे और नाक पर पड़ गए है चश्मे के निशान, इन चीजों का फेस पर करे इस्तेमाल कुछ ही दिनों में छुटकारा

 
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आजकल कुछ लोग फैशन के कारण चश्मा लगता है तो कुछ लोगो की नजर कमजोर होने की वजह से उन्हें मज़बूरी में चश्मा लगाना होता है कुछ इसे भी है जिनकी आँखे बचपन से कमजोर होती है। ऐसे में उन्हें इतनी कम उम्र में ही चश्मा लगाना पड़ता है। इस कारण उनके नाक पर निशान पड़ जाते है। ऐसे में आज हम आपको यहाँ पर चश्मे के फ्रेम और गलत लेंस से होने वाली समस्याओं के बारे में बता रहे है इसके साथ ही इससे नाक-कान में होने वाले दर्द से निजात पाने के उपायों के बारे में भी जानते हैं।

नाक के ऊपर दर्द होना
यह उस वक्त होता है जब चश्मा नाक के सेंटर पर ठीक से फिट नहीं होता है, जिसकी वजह चश्मे का भारी वजन हो सकता है।

कान के पीछे दर्द होना
जब चश्मे का फ्रेम कानों के पीछे तक जाने के लिए बहुत छोटा होते है तो कान के पीछे दर्द होना शुरू हो जाता है। 

आंखों पर दबाव, सिरदर्द
यह एक सबसे आम समस्या है। चश्मे का लेंस आंखों की रोशनी के हिसाब से नहीं बनाया गया हो यानी लेंस का नंबर कम या ज्यादा हो तो ऐसा हो सकता है। ऐसे में आपको आई स्पेशलिस्ट की सलाह से ही चश्मा बनवाना चाहिए। आपको चश्मे का नंबर और फ्रेम को ध्यान में रखते हुए चश्मा बनवाना चाहिए। 

चश्मा पहनने से कान के पीछे गांठ भी बन सकती है
चश्मा पहनने की वजह से कई बार कान के पीछे गांठ भी बन सकती है। इसे एकैन्थोमा फिसुरटम कहते हैं। इसमें चश्मे के फ्रेम से जहां दबाव पड़ता है, वहां उभार जैसा नजर आने लगता है। ऐसे में आपको खराब ढंग से लगे चश्मे के फ्रेम या भारी फ्रेम की वजह से हो जाता है। ऐसे में रोगी को कुछ समय के लिए चश्मा पहनना बंद कर देना चाहिए।

चश्मे के निशान क्यों होते है 
चश्मे का फ्रेम नाक पर जिस जगह पर टिक जाता है, वहीं पर चश्मे के निशान पड़ सकते हैं। लगातार चश्मा पहनने से नाक पर चश्मे के निशान हो सकते हैं, क्योंकि चश्मे के स्टैंड से नाक की स्किन पर दबाव पड़ सकता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन रुक सकता है और उस जगह की स्किन डेड हो जाती है, जो चश्मे के निशान के कारण होती है।

गलत फ्रेम का इस्तेमाल करना 
वहीं नाक पर निशान पड़ने के एक कारण गलत फ्रेम या साइज में छोटा फ्रेम पहनना भी हो सकता है। 

ऐसे हटाए चश्मे का निशान 
एलोवेरा 
चश्मे के निशान को हटाने के लिए आपको एलोवेरा के गूदे को नाक के प्रभावित हिस्से पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें। इसे दिन में दो से तीन बार इस्तेमाल कर सकते है। बता दे, एलोवेरा में मॉइस्चराइजिंग और एंटी-एजिंग गुण होते हैं, जो चश्मे के कारण नाक पर बने निशान और सूजन को कम करने में मदद करते है। 

कच्चा आलू 
इसके लिए आप आलू के रस को प्रभावित स्किन पर लगाएं और 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद साफ पानी से इसे धो लीजिए। कच्चे आलू के एंजाइम, विटामिन सी और स्टार्च जैसे गुण पाए जाते है आलू के रस के क्षारीय गुण त्वचा के लिए एंटीसेप्टिक के रूप में काम करते हैं, जिससे आपकी स्कीन दाग-धब्बो से मुक्त होती है। 

खीरा 
खीरे के टुकड़े को नाक के प्रभावित हिस्से पर लगाइए। इसके बाद में  5-10 मिनट के लिए छोड़ दें। थोड़ी देर बाद चेहरे को साफ पानी से धो लीजिए इसका इस्तेमाल आप दिन में 2 से 3 बार कर सकते है। खीरे में स्किन को हाइड्रेट करने के गुण के साथ-साथ विटामिन-के की भी ज्यादा मात्रा होती है, जिससे खीरे का इस्तेमाल स्किन ब्राइटनर के रूप में किया जा सकता है।  

नींबू का रस
इसके लिए एक चम्मच नींबू का रास लीजिए इसके बाद में प्रभावित हिस्से पर इसे हलके हाथो से मसाज करके 10 से 15 मिनट तक छोड़ दे। इसके बाद में साफ पानी से चेहरा धो लीजिए। हर रोज सुबह नहाने से पहले और रात में सोने से पहले इस ट्रिक का इस्तेमाल करे। आपको बता दे,  नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन-सी के गुण मौजूद होते है जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने में त्वचा की मदद करते हैं। इससे त्वचा की रंग साफ होता है। 

संतरे के छिलके का पाउडर 
संतरे को छिलके को पाउडर को दूध के साथ में मिलाकर एक पेस्ट बना लीजिए इस पेस्ट को पूरे चेहरे पर लगा लीजिए और इसके बाद में 10 से 15 मिनट तक छोड़ दे। इस पेस्ट का इस्तेमाल दिन में 2 बार करे। संतरे के छिलके में पॉलीमेथोक्सीफ्लेवोन का गुण पाया जाता है। यह मुख्य रूप से साइट्रस पादप में मिलने वाला फ्लेवोनॉयड योगिक है। पीएमएफ स्किन में मेलानिन के प्रोडॅक्शन पर काबू करता है। इससे स्किन की रंगत बेहतर हो सकती है। यह गुण चेहरे पर मौजूद दाग-धब्बों को दूर करने में मदद करता है।

टमाटर के टुकड़े 
टमाटर के टुकड़े को लेकर नाक के प्रभावित हिस्से पर कुछ समय के लिए लगातार रगड़े। इसके बाद में इसे 10 से 15 मिनट के लिए लगाकर छोड़ देवे। बाद में इसे साफ पानी से धो लें। इसे दिन में एक से दो बार दोहरा सकते हैं। आपको बता दे, टमाटर में फ्लेवोनोइड्स और विटामिन-सी व ई जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड्स जैसे गुण मौजूद होते है जो इसे एंटीऑक्सीडेंट और साफ-सफाई वाले गुण त्वचा को चमकदार बनाते हैं। टमाटर में पाया जाना वाला लाइकोपीन अल्ट्रावायलेट किरणों से होने वाले सन बर्न का इलाज करने में मददगार है। also read : 
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