गलत खानपान की वजह से स्किन पर हो गए लाल चकत्ते, खुजली और जलन, तो करे ये घरेलू उपाय, चुटकियों में मिलेगा आराम

 
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आजकल लोग स्कीन से जुड़ी हुई परेशानी से काफी परेशान रहते है इसमें से कुछ ऐसी बीमारिया भी होती है जो इंफेक्शन के कारण होती है कई बार आप कुछ गलत चीजों का सेवन कर लेते है जिसका प्रभाव आपकी सेहत पर देखने को मिला है इसमें से एक पित्ती का उछलना, जिसे शीत पित्त भी एक है। इस बीमारी में व्यक्ति के पूरे शरीर पर खुजली और जलन से लाल होने लगता है। यह कुछ मिनट बाद अपने आप ठीक भी हो जाती है। यही वजह है कि इसका इलाज अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन आज हम आपको इसके लक्षण, उपचार और कारण बता रहे है तो आइए जानते है। 

एलर्जिक रिएक्शन से पित्ती उछलती है
पित्ती का उछलना एक एलर्जिक रिएक्शन  होता है इसका एक कारण हिस्टामाइन नाम का हार्मोन भी होता है यह शरीर में केमिकल्स के अधिक होने पर होता है। इस हार्मोन के बढ़ने के पीछे कई चीजे जिम्मेदार है। 

शीत पित्त का कारण
कीड़ों का काटना, ज्यादा ठंड या धूप, ज्यादा एक्सरसाइज, फूलों के परागकण, ज्यादा पसीना आना, दवाइयों का रिएक्शन, इम्यूनिटी कमजोर होना, पानी में ज्यादा देर तक रहना, बिल्ली-कुत्ते से झड़े रोएं, सीप, शंख, मछली, अंडे और दूध से एलर्जी, मोनोन्यूक्लिओसिस, एक वायरल इंफेक्शन जो चुंबन की वजह से फैलता है। 

शीत पित्त का घरेलू उपचार 
अदरक-शहद है असरदार

अदरक के जूस को शहद को एक साथ मिलाकर पेस्ट तैयार कर लेवे। इस प्रक्रिया को दिन में करीब दो से तीन बार तक करे। अदरक में मौजूद कुदरती एंटी इंफ्लेमेटरी यानी सूजन कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं, जो पित्ती की वजह से त्वचा पर आने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसमें ब्लड प्रेशर को कम करके खून के दौरे को कंट्रोल करने का गुण होता है।

टी ट्री-ऑयल
टी ट्री ऑयल की दो से चार बूंदें लेवे और इसे रूई की मदद से त्वचा पर हलके हाथों से लगाइये। अगर यह समस्या स्किन पर ज्यादा हो गई है तो एक कप पानी में टी ट्री-ऑयल की करीब 15 बूंदें डालकर पट्टी को उस पानी में भिगोएं और प्रभावित क्षेत्र पर रखें। इस प्रक्रिया को दिन में करीब तीन से चार बार दोहराएं।

ग्रीन टी का करें इस्तेमाल
ग्रीन टी बैग को एक कप गर्म पानी में पांच से दस मिनट के लिए डालकर छोड़ दें। इसमें आप एक चम्मच शहद मिलाकर धीरे-धीरे सिप करके पी लेवे। आप दिन में आप दो से तीन कप तक ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। ग्रीन टी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव मौजूद होते हैं, जो पित्ती के कारण त्वचा पर होने वाली सूजन के साथ-साथ त्वचा से संबंधित बैक्टीरियल इन्फेक्शन को भी दूर करते हैं।

हल्दी से मिलेगा आराम
शीतपित्त की समस्या से राहत दिलाने में हल्दी का इस्तेमाल बेहद उपयोगी माना जाता है इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-हिस्टामाइन होता है। हिस्टामाइन हाॅर्मोन पित्ती का मुख्य कारण है। हल्दी के ये सभी गुण पित्ती की समस्या से राहत दिलाने में सहायक हैं। 

बेकिंग सोडा से दूर होगी समस्या
किसी बर्तन में एक चम्मच बेकिंग सोडा में थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को प्रभावित त्वचा पर लगाएं और पांच से दस मिनट सूखने के लिए छोड़ दें। उसके बाद इसे ठंडे पानी से धो लें। इस दिन में करीब दो बार दोहराएं। बेकिंग सोडा स्कीन पर जलन, खुजली और सूजन को दूर करने में बेहतरीन होता है। 

एलोवेरा जेल 
स्कीन की समस्या के लिए आप एलोवेरा के पत्ते को काटकर ताजा जेल निकाल लें। अब इस जेल को प्रभावित त्वचा पर लगाएं। 20 से 30 मिनट तक लगा रहने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें। इसे दिन में दो बार इस्तेमाल करें।

कैलामाइन लोशन या विच हेजल लोशन
स्कीन एलर्जी के लिए आप कैलामाइन लोशन या विच हेजल लोशन का उपयोग कर सकते है रुई के एक छोटे टुकड़े को लोशन में डुबोए और स्कीन पर लगा लीजिए इस लोशन को आप दिन 3 से 4 भी इस्तेमाल कर सकते है। 

ठंडे पानी में ओटमील डालकर नहाएं
स्कीन एलर्जी के लिए आप नहाने के पानी में ओटमील डालकर 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें। और हर रोज पानी में ये डालकर नहाने से स्कीन से जुड़ी समस्या दूर होती है। ठंडे पानी से नहाने से स्किन साफ होती है और शरीर का तापमान कंट्रोल होता है, जो पित्ती की एक वजह है। वहीं, इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव सूजन को कम करने में मदद करता है। also read : 
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