क्या महिलाओं को वेटलिफ्टिंग करनी चाहिए या नहीं, जानिए विशेषज्ञों की राय ?

 
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आपने कई महिलाओ को वर्कआउट करते हुए देखा होगा। वह वेटलिफ्टिंग और वेट स्ट्रेंथनिंग करती हैं और भारी-भारी डंबल्स उठाती है। इन्हे देखने के बाद आपके मन यह बात जरूर आती होगी जो महिलाए वेटलिफ्टिंग करती है या भारी वजन उठाती है उनकी बॉडी मस्कुलर हो जाती है और उनके भी बायसेप्स, ट्राइसेप्स और हैवी मसल्स बनने लगते हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे है क्या वकाई में ऐसा होता है या नहीं ? 

हाल ही में डॉक्टर सिद्धार्थ भार्गव ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया और उन्होंने बताया कि जो महिलाएं वेटलिफ्टिंग सिर्फ इसलिए छोड़ देती हैं कि उन्हें लगता है कि इससे उनकी बॉडी मस्क्यूलर और मर्दाना हो जाएगी, तो वह ऐसा सोचना छोड़ दें, क्योंकि वेटलिफ्टिंग करने से महिलाओं की बॉडी मस्कुलर नहीं होती है। दरअसल, पुरुषों और महिलाओं के टेस्टोस्टेरोन हार्मोन अलग-अलग होते हैं, जो हमारी बॉडी बनाने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि पुरुषों में 270 से लेकर 1070 ng/di और महिलाओं में 15 से 70 ng/di टेस्टोस्टेरोन हार्मोन होते हैं। वेटलिफ्टिंग करने से आपकी फिजिकल अपीयरेंस और ज्यादा अट्रैक्टिव होती है न कि ये आपकी बॉडी को मस्कुलर बनाता है। उन्होंने बताया कि रनिंग, वॉकिंग और जॉगिंग से कई ज्यादा इफेक्टिव वेटलिफ्टिंग होती है। उन्होंने इस बात की सलाह दी कि अगर आप जिम जाकर एक्सरसाइज कर रहे हैं, तो निश्चिंत होकर वेट लिफ्टिंग कर सकते हैं क्योंकि यह आपकी बॉडी को लीन बनाने के साथ टोंड करेगी। 

वेट लिफ्टिंग के फायदे 
वेटलिफ्टिंग करने से हमारी कोर मजबूत होती है। पैर, पीठ के निचले हिस्से और ऊपरी हिस्से को ताकत मिलती है। इसके साथ ही हार्ट हेल्थ तंदुरुस्त रहती है और मेंटल लेवल भी बैलेंस रहता है. लेकिन हमेशा जिम ट्रेनर या एक्सपर्ट्स की राय के बाद ही वेटलिफ्टिंग करें। also read : 
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