शादी के बाद पहली होली ससुराल की नहीं देखनी चाहिए ,क्यों ?

पहली होली पति के साथ मायक में
लोक प्रचलित कथाओं के अनुसार, घर की नई दुल्हन को अपनी पहली होली पति के साथ मायक में मनानी चाहिए ससुराल के बजाय। घर में कलह पैदा होती है और व्यक्तिगत संबंध भी बिगड़ जाते हैं। इसके अलावा, एक तर्क ये भी है कि दामाद को भी पहली होली अपनी बीवी के साथ उसके मायके में ही मनानी चाहिए क्योंकि इससे वैवाहिक जीवन में प्यार बढ़ता है। वैवाहिक जीवन सुखमय और संपूर्णता से भरा रहता है। इसके पीछे का एक तर्क तो यह है कि जलती हुई होली अगर सास और बहु एक साथ देख लें तो घर में दरार पैदा होती है। सास (सास से अनबन दूर करने के लिए अपनाएं ये उपाय) और बहु का रिश्ता प्यार के बजाय तकरार की बुनियाद पर टिकता है।
मान्यता है कि मायके में पहली होली खेलने से होने वाली संतान (संतान की परेशानी दूर करने के लिए लड्डू गोपाल मंत्र) भी हृष्ट-पुष्ट और स्वास्थ्य पैदा होती है। कुछ स्थानों पर ऐसी भी मान्यता है कि न सिर्फ नई दुल्हन बल्कि वो मां जिसे होली के आस-पास बेबी हुआ है उसे भी ससुराल की होली नहीं देखनी चाहिए। इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही, लड़की के मायके के सभी सदस्यों से दामाद का रिश्ता भी मजबूत होता है। जिस प्रकार की झिझक लड़की ससुराल के लिए महसूस करती है ठीक वैसी ही झिझक लड़के को भी है लड़की के मायके वालों से होती है, ऐसे में मायके में पत्नी के साथ होली खेलने से उसकी ये झिझक भी दूर होती है।