हाथ के इशारे से भी रुक जाती है ये ट्रेन, देश की सबसे छोटी और सबसे कम दूरी तय करती है ट्रेन

आपने आज तक ज्यादातर ट्रैन को अपने निर्धारित स्टेशन पर रुकते हुए ही देखा होगा या फिर इमरजेंसी में चेन खींचकर रेलगाड़ी को रोका जा सकता है लेकिन देश में एक ऐसी भी ट्रैन चलती है जो यात्रियों के इशारे पर चलती है इस ट्रैन नाम एट-कोंच शटल ट्रेन है यह ट्रैन उत्तर प्रदेश में चलती है इस ट्रैन को 1902 में शुरू किया गया था और अब तक यह ट्रैन चल रही है यह ट्रैन कोच से एट स्टेशन के बीच में मात्र 13 किमी की दूरी तय करती है इसकी स्पीड 30 किमी प्रति घंटा की है और यह 13 किमी की दूरी 35 मिनट में ही तय कर लेती है।
इस ट्रैन की एक खास बात यह है कि यदि कोई भी यात्री यदि ट्रेन चल पड़े और कोई यात्री पीछे रह जाए और रुकने का इशारा कर रहा हो तो गार्ड लोको पायलट को सूचित करता है तो लोको पायलट गाड़ी की स्पीड बिल्कुल कम कर देता है और यात्री भागकर ट्रेन में सवार हो जाता है इसके बाद में फिर गार्ड लोको पायलट को हरी झंडी दिखाकर यात्रियों के सवार होने की सूचना देते ही यह ट्रेन दौड़ पड़ती है।
हाथ के इशारे से भी रुक जाती है गाड़ी
तीन कोच कि इस ट्रैन कि खास बात यह है कि यह ट्रेन यात्री के हाथ के इशारे से भी रुक जाती है इस कोंच ओर एट स्टेशन के बीच में कोई स्टेशन नहीं है और न ही कोई स्टॉपेज है। इसके बावजूद यदि बीच में कोई यात्री हाथ देता है तो लोको पायलट ट्रेन रोक देता है। यात्री के सवार होते ही ट्रेन फिर चल पड़ती है।
लोगों की लाइफ लाइन है यह ट्रेन
यह छोटी सी नजर आने वाली ट्रेन गांव के किसानों, छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों के लिए लाइफ लाइन है। यह ट्रेन गांव के किसानों, छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों के लिए लाइफ लाइन है। इसका जंक्शन नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के झांसी-कानपुर रेलमार्ग में अव्सिथित है यहाँ से देश के कई इलाको में जाने के लिए रेलगाड़िया मिल जाती है।