मेडिकल नेगलिजेंस क्या और कैसे होता है, यदि आप भी हो गए है शिकार तो इस तरह से करे शिकायत दर्ज

 
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आमतौर पर पुरुषों एक बीमारी होती है जिसका नाम है हाइड्रोसील। इस बीमारी में पुरुषों के अंडकोषों यानी टेस्टिकल्स में पानी भर जाता है। इस वजह से इसमें सूजन आने लगती है। बिहार के कैमूर में एक 30 साल के लड़के मनक्का यादव को भी यह प्रॉब्लम हो गई। उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इस वजह से वह इस बीमारी का इलाज सरकरी अस्पताल में ही करवा रहे थे। जब उनका हाइड्रोसील बढ़ गया तो वह सरकरी हॉस्पिटल में पहुंचे। इसके बाद में वहां के डॉक्टरों ने जब हाइड्रोसील बढ़ गया तब वे सरकारी अस्पताल ऑपरेशन कराने पहुंचें। ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर ने कहा कि नसबंदी का ऑपरेशन कर दिए हैं। हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने के लिए अब उन्हें किसी प्राइवेट अस्पताल में जाना होगा।मनक्का का कहना हैं कि मेडिकल नेगलिजेंस यानी चिकित्सीय लापरवाही की वजह से उसकी जिंदगी खराब हो गई है। अब उससे कौन शादी करेगा।

 मेडिकल नेगलिजेंस 
जब कभी भी डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ को किसी मरीज  की देखभाल में लापरवाही करता है। जैसे कि गलत तरीके से दवा देना, गलत तरीके से सर्जरी, मेडिकल गाइडेंस गलत देना, सर्जरी के दौरान मरीज को नुकसान पहुंचाना मेडिकल नेगलिजेंस के अंदर आता है। और इस वजह कई बार मरीज को ज्यादा नुकसान पहुँचता है और मरीज की मौत हो जाती है। 

मेडिकल नेगलिजेंस हुआ है इसे कैसे तय किया जाता है?
डॉक्टर मरीज का इलाज करने में सक्षम होना चाहिए। 
डॉक्टर के पास में इलाज करने के लिए प्रोफेशनल स्कील होनी चाहिए। 
डॉक्टर ने मरीज को भर्ती कर लिया हो और वह सही से इलाज नहीं कर पा रहा हो। 
मरीज की बीमारी की सही पहचान करके इलाज नहीं हुआ हो। 
समय बचाने के लिए डॉक्टर ने इलाज के समय शॉर्टकट अपनाया हो। 
कौशल और फोकस की कमी, गलत जगह की गयी सर्जरी। 
गलत चिकित्सक सलाह और सफाई की कमी। 
मरीज के शरीर में नुकीली चीजे कैची और सुई छोड़ देना। 

मेडिकल नेगलिजेंस को लेकर कोई कानून है या नहीं?
हां, इसके लिए कानून है। कई बार स्किल्ड डॉक्टर से भी लापरवाही हो जाती है। लेकिन, मेडिकल के क्षेत्र में होने वाली लापरवाही किसी व्यक्ति के जीवन और मौत से जुड़ी हाेती है। इसलिए इस तरह की लापरवाही को भारतीय कानून में अपराध माना गया है। ऐसे मामलों में डॉक्टर, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम या हेल्थ सेंटर के खिलाफ केस किया जा सकता है।

 मेडिकल नेगलिजेंस की शिकायत कैसे दर्ज करा सकते हैं?
ऐसा होने पर मेडिकल सुपरिटेंडेंट को लिखित शिकायत कर सकते हैं।
शिकायत करने के बाद इसकी कॉपी CMO (चीफ मेडिकल ऑफिसर)को दें।
अगर CMO का कोई जवाब नहीं आ रहा है या फिर आप उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो आप अपने राज्य के मेडिकल काउंसिल में शिकायत कर सकते हैं।
अगर मेडिकल नेगलिजेंस की वजह से जान चली जाती है या जान को खतरा होता है तो स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।also read : 
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