अब श्रद्धा मर्डर केस में आफ़ताब बताएगा सच,जान क्या है नार्को टेस्ट

आफ़ताब पूनावाला,जिसने कथिक तोर पर अपनी प्रेमिका श्रद्धा क हत्या कर दी और उसके शरीर के टुकड़े कर दिए,उसका मार्को -एनालिसिस टेस्ट कराया जाएगा,क्युकी वह पुलिस को गलत जानकारी दे रहा है और जाँच को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।
नार्को एनालिसिस टेस्ट में स्टेडियम पेंटोथल का इंजेक्शन शामिल होता है,जिसे टूथ सीरम भी कहते है। इस दवा का प्रशाशन किसी व्यक्ति की आत्म चेतना को कम करता है,जिससे उन्हें बिना किसी प्रतिबंध को बोलने की अनुमति मिलती है।यह तब होता है जब व्यक्ति कम आत्म -जागरूक हो जाता है और एक कृतिम निद्रावस्था में प्रवेश करता है।यह चरण परीक्षकों को विषय पर पक्ष करने और वास्तविक उत्तर प्राप्त करने की अनुमति देता है।यह टेस्ट किसी मनोवैझानिक जाँच अधिकारी या फोरेंसिक विशेश्घ्य की निगरानी में ही किया जाता है। इसे जाँच विभागों द्वारा उपयोग किए जाने वाले बाकी सामान्य रूप से ज्ञात थर्ड डिग्री उपचारो क एक ऑप्शन कहा जाता है।
भारत में पहली बार 2022 में गोधरा कांड मामले में नार्को एनालिसिस का प्रयोग किया जाता है। 2003 में अब्दुल करीम तेलगी को तेलगी स्टांप पेपर घोटाले में परीक्षण के लिए जाया जाता था,तेलगी के मामले में बहुत सारि जानकारी जुताई गयी थी,लेकिन सबूत के तोर पर इसके महत्व को लेकर संदेह जताया जाता गया था।कुख्यात निठारी सीरियल कांड के दो मुख्य आरोपियों का गुजरात के गांधीनगर में मार्को टेस्ट भी हुआ था।
2007 के हैदराबाद दोहरे विस्पोटक की घटना में अब्दुल कलीम और इमरान खान का नार्को विश्लेषण परीक्षण किया जाता था।हलाकि पुलिस जाँच में कोई सफलता हासिल करने या इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस शूटआउट पर 2005 के आंतकी हमले के संदिग्ध संबध ने विफल रही। कुर्ला में 2010 में नो साल बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के आरोपी मोहम्मद अजमेरी शेख का भी परीक्षण किया गया था।बाकी है प्रोफ़ाइल मामले में विजय शामिल है ,जिसे 2012 में लोखंडवाला में दिल्ली के व्यवसायी अरुण टिक्कू की हत्या के लिए गिरफतर किया गया था।