ऐसे रहे चंद्रयान 3 के अंतिम क्षण,चंद्रयान 3 के सफ़लतपूर्वक लेंडिंग पर प्रधानमंत्री जी ने दी बधाईया

भारत बुधवार को चन्द्रमा के दक्षिणी धुर्व के पास अपना यान उतरने वाला पहला देश बन गया।यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक जित है।मानवरहित चंद्रयान 3 शाम 6:04 बजे चाँद पर उतरा।इसके सात मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद इसरो के अधिकारी ख़ुशी से झूम उठे और उन्होंने अपने सहयोगियों को गले लगा दिया।यह लेंडिंग उसी क्षेत्र में हुई जहा कुछ दिन पहले रूस यान का दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।इसी कारण से भारत के चंद्रयान 3 की लेंडिंग के अंतिम क्ष्रण चिंता और तना से भरे हुए थे।इस सफलता के सात गर्व के क्षण आने तक भारत की अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारी और देश भर के लाखो लोग टीवी स्क्रीन से चिपके हुए थे।
हर चरण में विशेषज्ञ पॉवर्ड डिसेंट के जरिए लैंडर की गति और ऊंचाई को कम कर रहे थे। इसरो अधिकारी मिशन को सफल बनाने के लिए दृढ़ थे और उन्होंने चरण को त्रुटिहीन तरीके से पूरा किया।सभी चरण में पावर्ड डिसेंट के जरिये लेंडर की गति और उचाई को कम कर रहे थे। इसरो अधिकारी मिशन को सफल बनाने के लिए कंट्रोल में तनाव बढ़ने लगा। also rea d: चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर, आंनद महिंद्रा ने जाहिर की ख़ुशी, देखकर लोगो का आया गजब का रिएक्शन
चंद्रमा की सतह के नजदीक आता गया। इसरो के वेझेनिको की सटीकता साबित हुई। वे सभी एकाग्रचित रहे और लेंडर को उसके गंतव्य तक के जाने में जुटे रहे।जब लेंडर चंद्रमा की सतह के और करीब पहुंच गया तो 20 मिनट का भरी तनाव भी सामने आया।धीरे धीरे कम हो रहा था और उचाई भी कम होती जा रही थी।चाँद की सतह से हजार किलोमीटर दूर विक्रम लेन्द्र अब सिर्फ 14 किलोमीटर ऊपर था।
जब अंतिम चरण आया,लेंडर निचे सतह को चुने से पहले कुछ सेकंड के लिए चंद्रमा की सतह पर मंडराता रहा।इन अंतिम क्षणों ने लगभग सभी के दिलो की ढकने बढ़ा दी।इसरो मिशन कंट्रोल ख़ुशी से झूम उठा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल हुए और उन्होंने इसरो के वेझेनिको और देशवासियो को बधाई दी।