असमय मृत्यु के बाद स्वर्ग या नरक कहा जाता है मनुष्य, जानकर उड़ जाएंगे आपके होश

हर एक व्यक्ति के आने जाने का समय निश्चित है, न व्यक्ति का जन्म अपने हाथ में है और न ही मरण आपके हाथों में है इस संसार में जो आया है वह अवश्य ही जाएगा। ये एक सार्वभौमिक स्टे है जिसे कभी भी बदला नहीं जा सकता है मर्त्यु एक ऐसी चीज है जिससे कोई भी प्राण नहीं बच सकता है धार्मिक ग्रंथ गरुड़ पुराण में भी मृत्यु के बाद आत्मा के सफर के बारे में बताया गया है। जिस तरह व्यक्ति के जीवन जीने के कई तरीके हैं, ठीक उसी प्रकार मृत्यु के भी कई तरीकों के बारे में गरुण पुराण में जिक्र किया गया है।
गरुड़ पुराण के मुताबिक हर इंसान की मृत्यु एक जैसे नहीं होती है कोई भी जीवन के सभी सुख भोगकर मृत्यु को जाता है तो कुछ लोगों की मौत असमय आ जाती है। वहीं कुछ लोग गंभीर बीमारी से पीड़ित होकर गुजरते हैं, तो कुछ आत्महत्या कर मृत्यु को गले लगा लेते हैं। हर आत्मा को मृत्यु के बाद स्वर्ग या नरक में जाता है गरुड़ पुराण के अनुसार में भगवान विष्णु द्वारा जन्म और मृत्यु के अलावा भी कुछ ही स्थितियों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
भगवान विष्णु ने गरुड़ पुराण में मृत्यु के कई गूढ़ रहस्यों के बारे में बताया है। इसमें इस बात का भी जिक्र किया गया है, जिन लोगों की अकाल मृत्यु या असमय मृत्यु हो जाती है उसके आत्मों के साथ क्या होता है. कैसे लोगों की अकाल मृत्यु हो जाती है तो आइए जानते है।
क्या होती है अकाल मृत्यु?
धार्मिक ग्रंथ गरुड़ पुराण के अनुसार जो लोग भूख से पीड़ित होकर, हत्या किए जाने पर, फांसी लगाकर, जहर खाकर, आग से जलकर, पानी में डूबकर, किसी दुर्घटना में, सांप के काटने, आत्महत्या या फिर किसी गंभीर बीमारी से मृत्यु को प्राप्त होते हैं। उन्हें अकाल मृत्यु की श्रेणी में रखा जाता है। आपको बता दें कि इन सभी मृत्यु के कारणों में आत्महत्या को महापाप माना गया है। मनुष्य का जन्म भगवान द्वारा किया गया है, ऐसे में अगर व्यक्ति आत्महत्या करता है, तो इसे भगवान का अपमान माना जाता है।
आखिर क्यों होती है अकाल मृत्यु
गरुड़ पुराण के मुताबिक व्यक्ति का जन्म और मृत्यु सभी कर्मों पर निर्भर करता है कहा जाता है की लोग पापी होता है, दूसरों के साथ दुराचार करते है स्त्रियों का अपमान और शोषण करते हैं, झूठ बोलते हैं और कुकर्म करते हैं, उन्हें अकाल मृत्यु की प्राप्ति होती है।
अकाल मृत्यु के बाद में भटकती है आत्मा
गरुड़ पुराण के अनुसार जिन लोगों की अकाल मृत्यु होती है उनकी आत्मा की आयु भी अधूरी मानी जाती है। ऐसी आत्माओ का जीवन चक्र पूरा न हो पाने के कारण उन्हें न स्वर्ग की प्राप्ति होती है और न ही नरक का स्थान मिलता है। ऐसी आत्माएं भटकती रहती हैं। और धार्मिक ग्रंथ के अनुसार अगर किसी पुरुष की अकाल मृत्यु होती है, तो उनकी आत्मा भूत, प्रेत, पिशाच, कुष्मांडा, ब्रह्मराक्षस, बेताल और क्षेत्रपाल योनि में भटकते रहते हैं। also read : Karwa chauth 2023 : करवा चौथ की सरगी थाली में जरूर शामिल करे इन स्वीट डिश को,स्वाद होगा लाजवाब