छेना में भरपूर मात्रा में होते है पौष्टिक गुण, पनीर से ज्यादा फायदेमंद, आइए जानते है दोनों में क्या है अंतर

ज्यादातर लोग पनीर और छेना को एक ही चीज समझते है। लेकिन ऐसा नहीं होता है। पनीर और छेना में शेप और साइज़ के अलावा भी कई तरह के अंतर देखे जाते है। दोनों को एक ही तरीके से बनाया जाता है। लेकिन फिर भी दोनों के फायदे अलग अलग होते होते है। और ये दोनों ही सेहत पर अलग अलग तरह असर डालते है। छेना को पनीर से ज्यादा फायदेमंद और पौष्टिक बताया जाता है। तो आइए जानते पनीर और छेना में क्या अंतर है।
ताजा है होता है छेना, पनीर में हो सकते हैं बैक्टीरिया
आपको बता दे, पनीर और छेना में काफी अंतर देखने को मिलते है छेना तजा होता है। जबकि पनीर कई दिन पुराना भी हो सकता है। दूध के फटने के तुरंत बाद फ्रेश छेना मिल जाता है। लेकिन इससे पनीर बनने के लिए काफी समय लगता है। जिसकी वजह से कई बार पनीर में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। घर पर भी पनीर बनाएं तो कम से कम 8 घंटे लग ही जाते हैं। वहीं इतने समय में बैक्टीरिया और दूसरे सूक्ष्मजीवों के पनपने के लिए काफी होता है।
ड्राइ करने पर खत्म हो जाते है छेना में मौजूद गुण
छेना से पनीर बनाने के लिए उसको पूरी तरह से ड्राई किया जाता है यानि की छेना के पानी को अलग करके रखा जाता है। लेकिन इससे छेना में मौजूद पौष्टिक तत्व खत्म हो जाते है। इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और लैक्टिक एसिड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। लेकिन पनीर बनाते समय छेना से पानी के साथ प्रोटीन, कॉर्बोहाइड्रेट, फैट, कैल्शियम और लैक्टिक एसिड जैसे पोषक तत्व भी बाहर हो जाते हैं।
आसानी से पचता है छेना, पनीर से पेट खराब हो सकता है।
छेना में मौजूद पानी पाचन-तंत्र के मजबूत करता है। लेकिन सूखे पनीर में ऐसा नहीं होता है। जिसके चलते कई लोगों को पनीर नहीं पच पाता। ऐसे लोग उसी स्वाद के लिए छेना का विकल्प अपना सकते हैं।
पनीर में हो सकता है केमिकल
पनीर साफ दिखे और ज्यादा दिनों तक चले, इसके लिए इसमें कई तरह के केमिकल भी मिला दिया जाता है। पैकेट में मिलने वाले पनीर में दूध के अलावा भी कई प्रोडक्ट होते हैं।
पनीर की जगह बना सकते है छेना की सब्जी
भारत में ज्यादातर लोग छेना से बनी हुई सब्जी और मिठाइयां खा रहे है। लेकिन पनीर के चलन कुछ समय पहले ही पुराना है। दूध के फटने के बाद नेचुरली छेना बनाता है, जिसे प्रॉसेस के बाद पनीर बनाते हैं। ऐसे में नेचुरली इसे खाना ज्यादा सही और मुफीद हो सकता है । कई जगह पर पनीर को बनाने के लिए और फ्रेश रखने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी वजह से घर में बना छेना ही काफी फायदेमंद होता है। also read : इस सरल रेसिपी से बनाए सूजी का रवा ढोकला,ये है सरल रेसिपी