आखिर क्यों मुंबई के रवि शास्त्री सूर्य के तेज को 2020 मे नहीं देख पाए ?? जानिए इसके बारे मे

 
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बेबस दीखते विरोधी गेंदबाज,हैरत में विपक्षी कोच,चेहरे पर गजब वाली हसी।अगर 1970 और 80 के दशक में आपको कोई ये दो वाक्य बोले और बल्लेबाज का नाम पूछे तो शायद ही किसी को सर विवियन रिचर्ड के अलावा किसी दूसरे नाम के बारे में सोचा पड़े। रिचर्ड तो निक्षित तोर पर ना भूले ना भविष्यति वाले सख्शियत रहे है,लेकिन मौजूदा समय में भले ही कुछ ही दिन,कुछ ही हफ्ते ,या कुछ ही दिनों के लिए अगर कोई एक बल्लेबाज रिचरड के खौफ वाले दबदबे की झलक दे रहा है तो वो सूर्यकुमार यादव है।निक्षित तोर पर कही से भी यादव की तुलना रिचरड से नहीं कर रहे है लेकिन श्रीलंका के खिलाफ राजकोट में अपने चिर परिचित संदाज में तूफानी शतक लगाकर सूर्य ने पुराने ज़माने के लोगो को किंग रिचर्ड की यादे जेहन में  ला दी है। 

वीरू की याद दिलाते है !

पिछले साल इग्लेंड और फिर न्यूजीलैंड में सूर्य ने शतक लगाया तो दोनों मैचों के बाद मै उनसे मिला ,उनके साथ कुछ देर तक अलग से बातचीत हुई। मुझे ये कहने मै हिचक नहीं हुई की मै उनके खेल को पत्रकार की तरह नहीं बल्कि एक फैन की तरह देखता हु क्युकी जिस अंदाज मै वो बेफ्रिक्री से खेलते है और फैंस को भरपूर मनोरंजन दिलाना ही उनका मकसद रहता है तो वो मुझे विरिंद्र सहवाग की याद  दिलाते है।वीरू भी अपने दौर मे औसत और स्ट्राइक रेट की बजाए फैंस के मनोरंजन को अक्सर तव्वजो देते थे। 

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 लम्बा इंतजार और रानी की भूख 

सूर्य अब नए साल मे फटाफट फॉर्मेट मे उप कप्तान है,वन डे टीम मे उनको हर हाल मे प्लेइंग प्लवन मे शामिल करने की वकालत हर कोई कर रहा है।गौतम गंभीर तो सूर्य को टेस्ट क्रिकेट मे भी टीम इंडिया का अभिन्न अंग बनाने की बाटे कर रहे है।इयान बिशप जैसे दिग्गज कमेंटेटर का कहना है की क्या सूर्या के आत्म विश्वास और लामयाबी के कारण लंबे समय तक इंतजार करना और खुस को निखारने के लिए मेहनत करना सबसे बड़ी वजह रही है ??  also read : गौतम गंभीर का बयान आया सामने,कहा भारतीय टेस्ट टीम में इस खिलाडी की कराओ एंट्री

शास्त्री की नजर से कैसे बच गए सूर्य ??

इसी के जवाव मे माइकल हसी जो पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाडी रह चुके है और सूर्य की ही तरह देर से डेब्यू करने के बावजूद उन्होंने अपनी  पहचान बनाने ,मे कामयाबी हासिल की।उन्होंने एक दिलचस्प जवाव दिया।हसी का कहना था की शायद पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर हसो को पहले मौका दे सकते है ताकि वो 2004 मे भारत का दौरा कर सकते थे। मौजूद भारतीय कप्तान हार्दिक पंड्या का कहना है उन्होंने टीम मे हमेशा ये कहा की 2020 मे ही सूर्य को मौका मिलना चाहिए था।अब सवाल यही है की रवि शास्त्री जो खुद मुंबई से आते है वो सूर्य के तेज को उस दौर मे कैसे नहीं देख पाए ??