होम लोन लेते समय इन बातों का रखे विशेष तौर से ध्यान, वरना बिगड़ सकती है इंटरेस्ट रेट

 
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घर खरीदना आर्थिक और भवनात्मक रूप से एक बड़ा फैसला होता है। हर एक इंसान का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो। हालाँकि इस सपने को हकीकत में बदलने के पर्याप्त मात्रा में धन की जरूरत होती है। जब तक आप नकद का भुगतान नहीं कर रहे ह। आपको लोन लेने की जरूरत होती है जिसका मतलब होता है ब्याज दरों से निपटना। ब्याज दरें कुल लागत को मत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। यहाँ तक की एक छोटा सा छोटा सा प्रतिशत बिंदु भी मासिक भुगतान और पूरी भुगतान योजना में बड़ा अंतर ला  सकता है। ऐसे में आज हम आपको उन फैक्टर्स के बारे में बताने जा रहे है जिनसे होम लोन ब्याज दरों पर असर पड़ता है। 

क्रेडिट स्कोर
पुनर्भुगतान इतिहास, वित्तीय अनुशासन को क्रेडिट स्कोर के रूप में जाना जाता है। यह किसी व्यक्ति की साख का निर्धारण करने में वित्तीय संस्थानों की मदद करता है। उधार देने के जोखिम को निर्धारित करने के साथ-साथ ब्याज दर तय करने के लिए लोन देने वाले इसे एक पैरामीटर के रूप में उपयोग करते हैं। लोगों का क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होगा, लोन देने वाले के लिए आप उतना ही कम जोखिम का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके कारण लोन की ब्याज दर भी कम होगी। वहीं खराब क्रेडिट स्कोर के कारण होम लोन की ब्याज दरें ज्यादा हो सकती है। 

लोन राशि 
लोन राशि ब्याज दरों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। चूंकि बड़ी लोन राशि उधारदाताओं के लिए अधिक जोखिम पेश करती है। क्योंकि अधिक पैसा दांव पर होता है, इस बात की अधिक संभावना होती है कि ऋणदाता उच्च ब्याज दर वसूल करेंगे.। घर खरीदने के लिए उधार लेने की योजना बनाते समय यह गणना करना महत्वपूर्ण है कि किसी को कितनी लोन राशि की आवश्यकता है। 

डाउन पेमेंट 
डाउन पेमेंट कितना करते हैं यह भी ब्याज दर निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक बड़ा डाउन पेमेंट लोन की राशि को कम कर देता है। ऋणदाता इसे कम जोखिम वाले के रूप में देखते हैं और कम ब्याज दर लगाते हैं। ऋणदाता कम जोखिम वाले उधारकर्ताओं को बेहतर दरों की पेशकश करने को तैयार हैं। नतीजतन एक बड़ा डाउन पेमेंट लोन पर अनुकूल ब्याज दर प्राप्त करने में मदद कर सकता है। 

लोन टेन्योर
एक अन्य महत्वपूर्ण कारक लोन टेन्योर है। अगर कोई उधारकर्ता छोटी अवधि का विकल्प चुनता है तो वह कम ब्याज दर हासिल कर सकता है। क्योंकि ऋणदाता कम अवधि के लिए पैसा उधार देकर कम जोखिम उठा रहा है। हालांकि इस बात का ध्यान रखना होगा कि लोन लेने वाला कम अवधि के साथ उच्च मासिक भुगतान वहन कर सकता है क्योंकि यह लंबे समय में पैसे बचाने में मदद करता है। 

लोन का प्रकार
होम लोन लेते वक्त लोन के प्रकार पर भी ध्यान देना चाहिए कि होम लोन में Fixed Rate है या फिर Adjustable Rate है। इन इंटरेस्ट रेट का भी होम लोन पर काफी असर पड़ता है। also read : 
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बाजार की स्थिति 
बाजार की स्थिति जैसे महंगाई, आर्थिक विकास और सरकार की नीतियां भी ब्याज दरों को प्रभावित कर सकती हैं। बढ़ती महंगाई उच्च ब्याज दरों को जन्म दे सकती है। साथ ही जब अर्थव्यवस्था में मजबूत वृद्धि देखी जा रही है तो उधारदाताओं को धन उधार देने के लिए अधिक इच्छुक हो सकता है। इससे ब्याज दरें कम हो सकती हैं। मुख्य ध्यान केवल अल्पकालिक लाभों पर नहीं बल्कि होम लोन लेने के दीर्घकालिक प्रभावों पर भी होना चाहिए।