अजा एकादशी व्रत : इस दिन करे भगवान विष्णु का व्रत और पूजा, मिलती है जीवन में सभी पापों से मुक्ति

10 सितंबर यानि रविवार को भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत है इसे अजा एकादशी भी कहा जाता है ये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दो दिन बाद में आती है इस दिन भगवान् विष्णु के उपेंद्र रूप की पोज्जा होती है इस दिन व्रत करने और भगवान् विष्णु की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। एकादशी तिथि पर जल्दी उठकर घर की सफाई करें। झाड़ू और पोंछा लगाने के बाद पूरे घर में गौ मूत्र का छिड़काव करें। उसके बाद शरीर पर तिल और मिट्टी का लेप लगा कर पानी में कुशा डालकर स्नान करें। नहाने के पानी में गंगाजल जरूर मिलाएं। नहाने के बाद भगवान विष्णु जी की पूजा करें। दिनभर नियम संयम के साथ रहते हुए रात में जागरण और भगवान विष्णु के भजन-कीर्तिन की परंपरा है।
अजा एकादशी की पूजा विधि
इस दिन घर में पूजा घर में या पूर्व दिशा में किसी साफ जगह पर गौ मूत्र का छिड़काव करे और गेंहू रखे इसके बाद में इस पर तांबे का लौटा रखे और इसमें जाल भरे और उस पर अशोक के पत्ते या डंठल वाले पान रखें फिर उस पर नारियल रख दें। इस तरह कलश स्थापना करें। कलश पर या उसके पास विष्णु भगवान की मूर्ति रखकर कलश और भगवान विष्णु की पूजा करें। और दीपक जलाकर आरती करे। इसके बाद पूरे दिन व्रत रखें और अगले दिन तक कलश की स्थापना हटा लें। फिर उस कलश का पानी पूरे घर में छिड़क दें और बचा हुआ पानी तुलसी में डाल दें।
इस एकादशी का फल
अजा एकादशी के दिन जो भी भगवन विष्णु की पूजा करता है उसे पापों से मुक्ति मिलती है इसके साथ ही व्रत और पूजा के प्रभाव से स्वग, लोक की प्राप्ति होती है इस एकादशी के दिन कथा सुनने भर से ही अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से ही राजा हरिशचंद्र को अपना राज्य वापस मिल गया था और उनका मरा हुआ पुत्र फिर से जिंदा हो गया था। also read : Ekadashi 2023 :इस दिन अजा एकादशी व्रत,जानिए शुभ मुहर्त और पूजा के बारे में