भाद्रपद महीने कजरी तीज आज,शिव -पार्वती गणेश पूजा का बेहद महत्व

भाद्रपद महीने की शुरुआत में तीसरे ही दिन भगवान शिव पार्वती की पूजा और व्रत किया जाता है।जिसे कजरी तीज कहते है।आज ये व्रत किया जा रहा है।इसके अगले ही दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ हेरंब संकष्टी चतुर्थी रहेगी।जो की 3 सितंबर को रहेगी।इस तरह भादो की शुरुआत भगवान शिव पार्वती और गणेश पूजा के साथ होती है।दक्षिण भारत ,गुजरात और महाराष्ट में ये व्रत सावन महीने में होते है।इन जगहों पर अमावस्यांत कैलेंडर प्रयोग किया जाता है। also read : इन 5 ग्रहों के वक्री होने के कारण इस राशियों पर पड़ेगा असर, जानिए आपके राशि का हाल ?
कजरी तीज का व्रत सुहागन महिलाए अपने पति और बच्चो की लंबी उम्र के लिए करती है।ये व्रत साल के पांच तीज व्रतों में शामिल है।कथाओ के अनुसार देवी पार्वती ने शिवजी को पाने के लिए ये व्रत किया था।ऐसे में इस दिन भगवान शिव पार्वती की पूजा करने का विशन ग्रंथो में बताया गया है।इस व्रत को करने से सौभाग्य और समृद्धि बढ़ने की भी मान्यता है।
इस दिन सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर सूर्योदय से पहले ही नाहा लेती है।व्रत का संकल्प लेती है।इस व्रत में सोलह शर्गर कर पूजा की जाती है।पुरे दिन वट रखा जाता है। पुरे दिन व्रत रखकर महिलाए प्रदोष काल में शिव पार्वती की पूजा करती है।प्रदोष काल दिन और रात के मिलन का समय होता है।
इस व्रत में भगवान गणेशजी की पूजा और व्रत रखने का संकल्प लिया जाता है।महिलाए सूर्योदय के साथ ही व्रत शुरू कर देती है।फिर शाम को ही गणेशजी की पूजा की जाती है।पूजा के बाद संकष्टी व्रत की कथा होती है।इसके बाद महिलाए चंद्रमा के दर्शन करती है।फिर चद्र्मा को अर्ध्य देती है।इस तरह संकष्टी चतुर्थी व्रत पूरा होता है।ऐसा मन जाता है की इस व्रत को करने से सुख समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है।