क्या आप भी खाना पसंद करते है तला हुआ आलू, तो आज ही करे बंद कैंसर और डाइबिटीज जैसी बड़ी बीमरियों का खतरा

 
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आलू को सब्जियों का राजा भी कहा जाता है। यह हर एक घर में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। आलू की सब्जी हर एक घर में बनती है। इसके साथ ही आप आलू से अनेक डिश चाट-टिक्की, आलू फ्राई, फ्रेंच फ्राईज, चिली पोटैटो, जीरा आलू, क्रिस्पी फ्राईड और भी आलू की चटपटी रेसिपी बन सकते है। इन सब का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। लेकिन फिलहाल हम खाने की बात नहीं कर रहे, बल्कि ये बता रहे कि तला आलू खाकर कैसे अपनी सेहत से खिलवाड़ करते हैं।

तला आलू खाने से कैंसर को न्योता
आलू को डीप फ्राई करके खाने से उसमें एक्रिलमाइड जैसे टॉक्सिन बनते हैं जो कि कैंसर का कारण बन सकता है। आलू में शुगर, वॉटर और एमिनो एसिड मौजूद होते हैं। जब आलू को हाई टेंपेरेचर पर फ्राई करते हैं तो एक्रिलमाइड जैसे केमिकल बनते हैं। अगर बहुत देर तक फ्राई किया जाता है तो इस केमिकल की मात्रा भी बढ़ जाती है। कैंसर रिसर्च यूके में बताया गया है कि इससे कैंसर हो सकता है।

तलने पर आलू का ब्राउन कलर होना मतलब केमिकल रिएक्शन
जब आलू को अधिक तलते हैं तो गहरे भूरे रंग में बदल जाता है। दरअसल, यह एक तरह के रिएक्शन की वजह से होता है जिससे केमिकल निकलता है। लैब में इस केमिकल का जानवरों और इंसानों पर खतरनाक असर देखा गया है। फ्रेंच फाईज और पोटैटो चिप्स में एक्रिलमाइड की मात्रा बहुत अधिक पाई गई है।

विटामिंस निकल जाते हैं बाहर
युवाओं में फ्रेंच फ्राईज और चिली पोटैटो खूब पसंद है। ठेले पर तेल में फ्राई होती आलू की टिक्की तो सभी खाते हैं। लेकिन ज्यादा फ्राई करने पर आलू में मौजूद विटामिंस नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में आलू को पचाना बहुत मुश्किल हो जाता है। आप जब फ्रेंच फाईज या आलू टिक्की खाते हैं तो कई बार खट्‌टी डकार, बदहजमी की शिकायत इसलिए होती है।

मांसपेशियां होती हैं कमजोर
अधिक तले हुए आलू से निकले केमिकल का ब्रेन पर भी असर पड़ता है। बच्चों को रेगुलर डीप फ्राईड पोटैटो देते हैं तो उनकी ग्रोथ भी रुक सकती है। इससे मांसपेशियों भी कमजोर हो जाती हैं।

बढ़ता है डाइबिटीज का खतरा 
तेल या बटर के साथ आलू को डीप फ्राई करने से डायबिटीज का भी रिस्क अधिक होता है। चिली पोटैटो और फ्रेंच फाईज खाने से शरीर अधिक मात्रा में इंसुलिन बनाता है ताकि ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सके। यदि अधिक मात्रा में ये खाई जाती हैं तो एब्डोमेन में फैट अधिक बनने लगता है। इससे इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ता है और टाइप 2 डायिबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है। पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के एक शोध में बताया गया है कि फ्रेंच फाईज और पोटैटो चिप्स खाने से डायबिटीज का खतरा 9% तक बढ़ जाता है।

उबला हुआ खाना खाना माना जाता है सही 
उबले या स्टीम किए हुए आलू में एक्रिलमाइड जैसे केमिकल नहीं निकलते। इसलिए इसे खाना ज्यादा सेफ है। आलू में भरपूर फाइबर होते हैं। इससे कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल रहता है। एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिंस की मात्रा अधिक होने से हमारा शरीर बेहतर तरीके से काम करता है। उबले हुए आलू में ये सारे न्यूट्रिएंट्स बने रहते हैं जबकि डीप फ्राईड में अधिकतर ये नष्ट हो जाते हैं। इसलिए उबले हुए आलू खाना ज्यादा सुरक्षित है।


कच्चे आलू को फ्रीज़ में क्यों नहीं रखना चाहिए?
गर्मियों के दिन हैं। लोग सब्जियों को फ्रिज में रखते हैं ताकि वो ताजी बनी रहें। कई बार फ्रिज के बास्केट में कच्चे आलू को भी रख देते हैं। लेकिन ऐसा करने से केवल आलू का स्वाद ही नहीं बदलता बल्कि इसमें केमिकल रिएक्शन भी तेज हो जाता है। फ्रिज में रखे आलू की सब्जी का स्वाद हल्का सा मीठा हो जाता है। कारण यह है कि कच्चे आलू में खूब सारा स्टार्च होता है। फ्रिज में कम टेंपेरेचर के कारण स्टार्च शुगर में बदलने लगता है। जब हम इस आलू से फ्रेंच फाईज या पोटैटो चिप्स बनाते हैं तो एक्रिलमाइड बनने की प्रक्रिया भी तेज हो जाती है। also read : 
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