जानिए कब शुरू होगा होलाष्टक ?? इस बार 9 दिनों तक होलाष्टक,इन दिनों पूजा पाठ के साथ जप और ध्यान जरूर करे

होली का त्यौहार आने वाला है।इसे लेकर तैयारी शुरू हो गयी है।सोमवार 27 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो जाएगा और 7 मार्च को होलिका दहन के बाद 8 तारीख से खत्म होगा।वैसे होलाष्टक 8 दिनों का रहता है,लेकिन इस साल ये नो दिनों का रहेगा। क्युकी इस बार 28 फरवरी और 1 मार्च को दो दिन नवमी तिथि रहेगी।होलाष्टक के दिनों में विवाह,ग्रह प्रवेश,मुंडन,नए व्यापर की शुरुआत जैसे शुभ कई के लिए मुहर्त नहीं रहते है।
ज्योतिष के अनुसार होलाष्टक के दिनों में ज्यादातर ग्रह की स्थति उग्र रहती है।उग्र ग्रहो के योग में शुभ काम टालने की सलाह दी जाती है। इस संबध में ऐसा माना जाता है की ग्रहो की अशुभ स्थति में शुरू किये गए काम में काफी ज्यादा परेशानी आती है।छोटे कोटे काम में भी बड़ी समस्या आने लगती है।सफलता आसानी से नहीं मिलती है ,कई बार बने बनाए काम भी बिगड़ जाते है।इस कारण से होलाष्टक के दिनों में शुभ काम करने से बचना चाहिए।
होलाष्टक के दिनों में करे ये काम
होली खासतौर पर भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा का त्यौहार है।गणेश पूजा के बाद भगवान विष्णु जी और श्री कृष्ण का दक्षिणावर्ती शख में केसर दूध डालकर अभिशेख करे।पूजा में ओम नमो भगवते वासुदेवाय और को कृष्णाय नमः मंत्र का जप करे।किसी कारण से अगर आत्म विश्वास कमजोर हो रहा है तो हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करे।हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के पाठ से नकारात्मक खत्म होती है आत्म विश्वास बढ़ता है।शिवलिंग पर जल चढ़ाये और ओम नमः शिवाय मंत्र का जप करे। होलाष्टक के दिनों में शिवलिंग पर चंदन का लेप करना चाहिए।
होलाष्टक में करना चाहिए मंत्र जप और ध्यान
होलाष्ठक का समय ऋतू परिवर्तन का है।ठंड खत्म हो रही है और गर्मी की शुरुआत हो रही है।ये समय स्वास्थ्य की द्रृष्टि से सतर्क रहने का है। खान पान का जरुरी ध्यान रखे।मौसम परिवर्तन के सी मन इधर उधर की बातो में ज्यादा भटकता है।तनाव बना रहता है।मन की कर्ज करने के लिए पूजा पाठ के साथ मंन्त्र जप और ध्यान करना चाहिए। also read : इस दिन है फाल्गुन मास का दूसरा प्रदोष व्रत, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि