दीवाली पर इस दिशा में भूलकर भी नहीं लगाए दिया,रूठ जाती है महा लक्ष्मी

 
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पंचाग के अनुसार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या पर दीवाली मनाई जाती है।दीपावली डीपी का त्यौहार है और दीवाली के दिन सभी दिप जलाते है।दशहरा के 20 दिनों के बाद दीवाली मनाई जाती है।दीवाली के दिल माँ लक्ष्म्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।इस दिन सभी दिया जलाते है और घर को दियो से सजाते है।लेकिन दिया जलाने से जुड़े भी बहुत से नियम है जिनका ध्यान रखा जाता है।दिया जलाने की सही दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए।तो आइये जानते है दिया जलाने से जुडी कोनसी बाते है जिन्हे ध्यान रखना जरुरी है। also read : यहाँ जानिए, करवा चौथ पर चाँद को दूध और पानी अर्घ्य देने का विशेष महत्व

दिया जलाने का नियम 

ऐसा माना जाता है दीवाली पर दक्षिण दिशा में दिप जलाना शुभ नहीं माना जाता है।इस दिशा को यमराज की दिशा मानते है और कहते है इस दिशा में दिप नहीं जलाना चाहिए।दिया जलाने की सबसे अच्छी दिशा उत्तर पूर्व दिशा या ईशान कोण मानी जाती है।ईशान कोण की तरफ दिए का मुख करके भी रखा जा सकता है। 

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रसोई के अंदर दीपक रखना चाहिए।ऐसा करने पर माँ अन्नपूर्णा का आशीर्वाद मिलता है।यहाँ दक्षिण पूर्वी कोने पर भी दीपक रख सकते है। दीवाली के दिन सबसे पहले घर के मंदिर में माँ लक्ष्मी के समक्ष दिया जलाना शुभ मानते है।ऐसा नहीं करने पर माँ लक्ष्मी रूठ जाती है। 

तुलसी के पौधे के पास दिया रखना भी बेहद शुभ होता है।ऐसा करने पर घर में सुख और खुशहाली आती है और माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। दिए की गोल बाती की जगह लंबी बाती लगाए।इसे शुभ माना जाता है।महालक्ष्मी कुबेर को खुश करने के लिए घर की तिजोरी या पैसे रखने की जगह पर दिया जलाया ज सकता है।इसमें घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।