गणेश उत्सव के खास मौके पर जानिए गणेश जी से जुड़े हुए 10 सवाल और उनके जवाब

 
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पूरे देशभर में गणेश उत्सव बड़े धूम धाम से मनाया जाता है इस बार यह पर्व 19 सितंबर से शुरू हो रहा है। आपको बता दे, भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर भगवान गणेश प्रकट हुए थे। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी (28 सितंबर) तक यह पर्व मनाया जाता है। इन 10 दिनों में भगवान गणेश की विधि विधान के साथ में पूजा की जाती है गणेश जी और उनकी पूजा से जुड़ी हुई कुछ परम्परा है जिनका पालन किया जाना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में आज हम आपको यहाँ पर गणेश जी जुड़े हुए खुश सवालों के जवाब दे रहे है तो आइए जानते है। 

गणेश जी का वाहन मूषक (चूहा) कैसे बना?
इससे जुड़ी ही एक कहानी है एक बार एक असुर ने मूषक यानी चूहा बनकर पाराशर ऋषि के आश्रम को नष्ट कर दिया था। इस दौरान ऋषियों की रक्षा के लिए गणेश जी प्रकट हुए और उन्होंने अपना पाश फेंककर मूषक को कैद कर लिया था। मूषक भगवान से तर्क-वितर्क करने लगा और बोला कि आप मुझसे कोई वर मांग लो। तब गणेश जी इस बात पर हंसे और कहा कि तू मुझे कुछ देना चाहता है तो मेरा वाहन बन जा। मूषक इसके लिए राजी हो गया। इसके बाद में गणेश जी ने अपना वजन कम कर लिया और मूषक पर सवार हो गए। तब से मूषक गणेश जी की वाहन बन गया। 

गणेश जी प्रथम पूज्य कैसे बने?
आपको बता दे, एक बार  कार्तिकेय स्वामी और गणेश जी के बीच शर्त लगी कि कौन सबसे पहले संसार का चक्कर लगाकर आएगा। कार्तिकेय स्वामी तो अपने वाहन मोर पर बैठकर उड़ गए, लेकिन गणेश जी का वाहन चूहा धीमे धीमे चल रहा था। इस दौरान गणेश जी के मन में विचार आया और  उन्होंने शिव-पार्वती की परिक्रमा कर ली और कहा कि मेरे माता-पिता ही मेरा संसार है। गणेश जी की इस बात से शिव जी प्रसन्न हो गए और उन्हें प्रथम पूज्य होने का वरदान दे दिया।

गणेश जी को क्यों प्रिय है मोदक और लड्डू?
आपको बता दे, देवी पार्वती गणेश जी को लड्डू दिया करती थी, इस वजह से भगवान को लड्डू खासतौर पर चढ़ाते हैं। एक कथा के मुताबिक एक दिन माता अनुसूइया ने गणेश जी को अपने यहां भोजन के लिए बुलाया। गणेश जी ने बहुत सारा खाना खाया, लेकिन उनका पेट नहीं भरा। तब अनुसूइया ने गणेश जी को मोदक खिलाए। मोदक खाते ही गणेश जी तृप्त हो गए। इन दो कथाओं की वजह से गणेश जी को मोदक और लड्डू चढ़ाते हैं।

घर में गणेश जी की कैसी मूर्ति स्थापित की जानी चाहिए ? 
घर पर गणेश की मूर्ति स्थापित करते समय आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान दे, ऐसी मूर्ति लाए जिनकी सूंड सीधे यानी दाएं हाथ की ओर हो। इस स्वरूप को सिद्धिविनायक कहते हैं। बाएं हाथ की ओर सूंड वाले गणेश जी को विघ्नविनाशक कहा जाता है।  इस स्वरूप की मूर्तियां घर के द्वार पर और व्यापारिक संस्थानों में स्थापित करनी चाहिए, ताकि घर-परिवार और व्यापार से सभी बाधाएं दूर रहें।

गणेश जी की पीठ के दर्शन क्यों नहीं करे ? 
गणेश जी के शरीर पर ब्रह्माण्ड अलग अलग अंगो का वास होता है। गणेश जी की पीठ पर दरिद्रता होती है। इसकी इनकी पीठ के दर्शन करना शुभ नहीं होता है। 

गणेश जी के हाथों में अंकुश क्यों है ? 
आपको बता दे, भगवान गणेश ने कई असुरों का नाश किया था ये सभी असुर बुराइयों के प्रतीक थे इस असुरों पर काबू पाने के लिए गणेश जी अपने अपने हाथ में अंकुश धारण किया। इसके बाद से गणेश जी हाथों में अंकुश रखने लगे। also read : 
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