Pradosh Vrat : इस दिन पड़ रहा है अक्टूबर का आखिरी प्रदोष व्रत, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

अक्टूम्बर महीने का आखरी प्रदोष व्रत कल यानि कि 26 अक्टूम्बर गुरूवार के दिन है इस दिन गुरूवार होने की वजह से गुरु प्रदोष भी कहा जाता है हर महीने में 2 प्रदोष व्रत आते है जिनमें एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष को आता है यह प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष को रखा जाता है इसके साथ ही प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा होती है जो भक्तो के जीवन में कष्ट और दुःख दर्द दूर करते है इसके साथ ही बाबा भोलेनाथ की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है इस व्रत को करने से दुश्मनों पर विजय प्राप्त होती है तो आइए देख लेते है इस व्रत का शुभ मुहूर्त और विधि।
गुरु प्रदोष व्रत की पूजा
हिन्दू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 अक्टूबर, गुरुवार की सुबह 9 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 27 अक्टूबर, शुक्रवार सुबह 6 बजकर 56 मिनट पर होगा। वही इस पूजा का शुभ मुहूर्त के अनुसार, प्रदोष व्रत 26 अक्टूबर के दिन ही रखा जाएगा।
पूजा विधि
इस दिन पूजा करने के लिए सुबह के समय उठकर स्नान करे और स्वच्छ वस्त्र धारण करे। इसके बाद में भोलेबाबा का ध्यान करे और व्रत करने का संकल्प लेवे। इस व्रत में ज्यादातर भक्त सुबह के समय मंदिर जाते है लेकिन असल में पूजा का सही समय प्रदोष काल में होता है पूजा करने के दौरान आपको बेलपत्र, चंदन, धूप, दीया और अक्षत आदि को पूजा सामग्री भगवान शिव को अर्पित करनी है और शिव शंकर के साथ ही माता पार्वती का पूजन भी किया जाता है। इस दिन माता पार्वती पर चुनरी और श्रृंगार की सामग्री अर्पित की जाती है। और आरती के बाद भोग लगाया जाता है और प्रसाद बांटकर पूजा का समापन होता है। also read : 2030 तक ऊर्जा के दुनिया में होने महत्वपूर्ण बदलाव, IEA की रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा