सावन बुधवार : इस दिन भगवान शिव और विष्णु की पुजा का विधान, दान करने से मिलता है 100 जन्मों के बराबर पुण्य

इस बार 31 अगस्त तक सावन का महीना रहने वाला है ये भगवन शिव का बेहद प्रिय महीना होता है। शिव पुराण के मुताबिक, इस महीने में शिवजी की पूजा का खास महत्व होता है। वहीं भविष्य और विष्णुधर्मोत्तर पुराण के मुताबिक सावन महीने में भगवान विष्णु का अभिषेक और पूजा करने से सभी तरह के दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही इस महीने में तुलसी पूजा का भी विशेष महत्व होता है। इस महीने में भगवान विष्णु और शिव की पूजा किए जाने के कारण इसे दिन का पर्व भी कहते है।
सावन के बुधवार को भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा
सावन महीने में बुधवार को भगवान विष्णु के साथ में देवी लक्ष्मी की पूजा की जानी चाहिए। पूजा के दौरान दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध अर्पित करे और अभिषेक करे। इस दौरान बाल गोपाल का भी इस तरह से अभिषेक करे। वहीं बाल गोपल को माखन मिश्री का भोग लगा सकते है।
तुलसी पूजा
इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करे और इसके बाद में तांबे के लोटे में साफ जल भरकर उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिला लीजिए और इसे जल को तुलसी के पौधे में अर्पित करे। इसके बाद में कुमकुम, चंदन, अक्षत, हल्दी, मेहंदी और फूल चढ़ाकर घी से पूजा करे। इसके बाद पौधे की परिक्रमा करे वहीं शाम के समय भी तुलसी के समीप दीपक जलना चाहिए।
शिव पूजा
सावन का महीना होने से इस दिन शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। भगवान को बिल्व पत्र और धतूरा भी चढ़ाएं। दीपक और कर्पूर जलाकर आरती करें।
सावन के महीने में इन चीजों का करे दान
सावन में जरुरतमंदो को जरूर दान करना चाहिए। इस महीने में कपड़े, खाना, फलों का रस, नमक, जूते-चप्पल और छाते का दान करने का विधान होता है इस दिन घी, गुड़, काले तिल, रुद्राक्ष और दीपदान भी करना चाहिए। माना जाता है इन चीजों के दान से मिलने से आपको बड़ा पुण्य मिलता है इसके साथ ही जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप भी खत्म होते है। also read: Janmashtami 2023 : कब है कृष्ण जन्माष्टमी का सही समय और शुभ मुहूर्त, यहाँ करे कन्फ्यूजन दूर !