आज कालाष्टमी,अष्टमी तिथि के दिन कालभरेव की पूजा से दूर होगी बीमारिया और परेशानिया

आज यानि की 12 मई को कालाष्टमी है।ये काल भैरव पूजा की तिथी है।इन्हे शिवजी का तीसरा रूद्र अवतार माना जाता है।हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर इनका पूजन किया जाता है,लेकिन ज्येष्ठ महीने में इनकी विशेष आराधना होती है।
इस दिन देवी दुर्गा और शिवजजी की भी पूजा करने का विधान है।कालाष्टमी पर पूजा आरधना से परेशानिया दूर होती है।इस दिन काल भैरव और माँ दुर्गा की पूजा के साथ इस राटा देवी काली की उपासना की जाती है। इस दिन श्रद्धा के अनुसार से रात में माता पार्वती और भगवान शिव की कथा सुन कर जागरण का आयोजन करना चाहिए।इस दिन व्रती को फलहार हिकर्ण चाहिए। इस दिन कुत्ते को भोजन करवाना शुभ माना जाता है।काल भैरव पूजा में सरसो और तिल के तेल के दीपक का इस्तेमाल किया जाता है।दही में गुड़ डालकर इन्हे नैवेध लगाना चाहिए पूजा के बड़ा काले कुत्ते को पूड़ी या रोटी खिलाये। also read : कब है महेश नवमी ?? जानिए पूजा विधि के बारे में,भगवान शिव को प्रसन्न करने लिए जरूर करें यह काम
शिवजी के गुस्से से प्रकट हुए काल भैरव
कथा के अनुसार भगवना ब्र्हा और विष्णु के बिच श्रेष्ठ होने का विवाद बढ़ा।उसे सुलझाने के लिए सभी देवता और मुनि शिवजी के पास पहुंचे। सभी देवताओ और मुनि की सहमति से शिवजी को श्रेष्ठ माना गया ,लेकिन ब्रहाजी इससे सहमत नहीं हुए।ब्रहाहजी शिवजी का अपमान करने लगे। यह बाते सुनकर शिवजी को गुस्सा आया जिससे कालभैरव का जन्म हुआ।