चैत्र नवरात्रि कब से शुरू हो रहे है जानें घटस्थापना मुहूर्त और विधि -

 
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 हिन्दू धर्म में नवरात्रि को बहुत पवित्र पर्व माना गया है। चार नवरात्रि में से चैत्र और शारदीय नवरात्रि को फलदायक और मात रानी की पूजा के लिए उत्तम माना गया है। 

चैत्र नवरात्रि की पूजा विधि 

चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन सुबह जल्दी स्नान करें।,स्वच्छ वस्त्र धारण करें और माता रानी का स्मरण करें। मां दुर्गा (दुर्गा चालीसा) का ध्यान करते हुए पूजा का संकल्प लें। कलश स्थापित करने वाले स्थान को स्वच्छ करें और सजाएं।एक चौकी लें और उसे गनगजल से शुद्ध करें।चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और अक्षत एवं पुष्पों उसपर रखें।चौकी पर पानी से भरा हुआ कलश रखें। कलश को कलावे से लपेटें और उसके ऊपर आम एवं अशोक के पत्ते रखें। फिर नारियल को दूसरे लाल कपड़े से लपेट कर कलश पर स्थापित करें। एक मिट्टी का बर्तन लें और उसमें जौ बोएं। उस मिट्टी के बर्तन को कलश के ठेक सामने और माता रानी की प्रतिमा के पास रखें। इसके बाद दीपक जलाएं और माता रानी की पूजा का शुभारंभ करें।  माता रानी का श्रृंगार करें और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं भी अर्पित करें। मात रानी को पुष्प चढ़ाएं और माला पहनाएं। माता रानी के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती (दुर्गा सप्तशती पाठ के लाभ) स्तोत्र का पाठ करें। इसके बाद क्षमता अनुसार हवन करें और माता रानी को घर आने का न्यौता दें। माता रानी को भोग लगाएं और उनकी आरती गाएं। आरती के बाद माता रानी का भोग प्रसाद रूप में खुद भी खाएं और वितरण भी करें।  

चैत्र नवरात्रि का महत्व 

मान्यता है कि नवरात्रि के इन 9 दिनों में जो भी कोई पूर्ण श्रद्धा भाव से माता रानी की पूजा करता है उसे मां का असीम आशीर्वाद प्राप्त होता है। उसके सभी दुख दूर हो जाते हैं और उसके जीवन में खुशहाली आ जाती है। माता को श्रृंगार की वस्तुएं दान करने से वैवाहिक जीवन में प्यार ही प्यार घुलता है। 

 घट स्थापना मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि यानी कि 22 मार्च को स्थापना का मुहूर्त सुबह 8 बजकर 25 मिनट तक ही है। ऐसे में उत्तम यही रहेगा कि निर्धारित समय में ही पूजन कर कलश की स्थापना कर लें। पूजा मुहूर्त 22 मार्च को सुबह 6 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 39 मिनट तक मान्य होगा। इस साल चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि का शुभारंभ 21 मार्च, दिन मंगलवार को रात 10 बजकर 52 मिनट पर हो रहा है वहीं, इसका समापन 22 मार्च, दिन बुधवार को रात 8 बजकर 20 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 22 मार्च को ही पड़ेगी।