किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, तेल तिलहन के बाजार में गिरावट रुकती हुई दिखाई नहीं दे रही है। कल जयपुर में दोपहर तक सरसों के भाव में 6700 के स्तर को होल्ड किया था, लेकिन शाम को यह लेवल भी टूट गया। सरसों का जयपुर में अंतिम भाव 6675 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज हुआ। भरतपुर में तो इससे भी बड़ी गिरावट देखने को मिली, जहां सरसों के भाव कमजोर होकर 6300 प्रति क्विंटल रह गए। आप खुद ही सोच सकते हैं कि ऐसी कंडीशन में, जिसमें सरसों अपने ऊपर से लगभग ₹500 टूट चुकी है, फिर भी सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनल पर अभी भी सरसों में तेजी आने की बातें कर रहे हैं। जब से जयपुर में कंडीशन 42%, सरसों का भाव ₹7125 हुआ था, तब से ही मंडी भाव टुडे लगातार सरसों को बेचने की राय देता आ रहा है। हमारे द्वारा किए गए विश्लेषण का न सिर्फ सरसों के किसानों ने, अपितु व्यापारियों ने भी फायदा उठाया है। हम जानते हैं कि किसान हमारी सलाह को मान रहे हैं और मंडियों में अपना माल लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन अगर आप अभी तक अपना माल नहीं बेच पाए हैं और आज भी आप अपने पास सरसों का स्टॉक रखे हुए हैं, तो आपको यह रिपोर्ट जरूर पढ़नी चाहिए।
ताजा मार्केट अपडेट
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, अगर ताजा मार्केट के माहौल की बात करें तो कई दिनों से ऐसा देखने को मिल रहा है कि सुबह विदेशी बाजार तेज खुलते हैं और शाम होते-होते बाजारों में कमजोरी आ जाती है। घरेलू बाजार में भी लगभग यही माहौल चल रहा है। अगर एक-दो दिन के बाजार को छोड़ दें, तो पिछले 7 दिनों में लगभग हर दिन सरसों के भाव नीचे की तरफ ही गए हैं। इस समय नाफेड एजेंसी द्वारा बाजारों में बिकवाली की जा रही है, जिससे बाजार में सरसों की सप्लाई बढ़ी हुई है और यही कारण है कि बाजार नीचे की तरफ जा रहा है। मंडी भाव टुडे ने अपनी पहले की कई रिपोर्ट में बताया है कि सरकार सरसों के बाजार में हलचल पैदा कर सकती है और अब यही देखने को मिल भी रहा है। शुक्रवार के बाजार की बात करें, तो सुबह बाजार स्थिर लग रहा था। जयपुर में कंडीशन 42% सरसों के भाव 6725 और भरतपुर में 6361 के भाव पर कारोबार हुआ था। दिल्ली में सरसों के रेट 6475 के स्तर पर खुले थे। चरखी दादरी में 6425, अलवर में 6400, बरवाला में 6200, हिसार में 6100, मुरैना में 6125, ग्वालियर में 6200, खैरथल में 6400, टोंक में 6255, निवाई में ₹6275, और सिवानी में 6200 प्रति क्विंटल का बाजार खुला था। हालांकि शाम होते-होते स्थिति में परिवर्तन हुआ और जयपुर में भाव 6675, दिल्ली में 6450 और भरतपुर में 6300 के भाव रह गए। मलेशिया का बाजार भी, जो सुबह तेजी दिख रहा था, शाम को कमजोरी के साथ ही बंद हुआ। बाजार को नीचे जाते देख, किसान अपनी सरसों को लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं। यही कारण है कि सरसों की आवक शुक्रवार को 3 लाख 25 हजार बोरी के पार हो गई।
प्लांटों पर आयी घोर मंदी
बाजार में कमजोरी के सेंटीमेंट को देखते हुए ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों के भाव में जबरदस्त गिरावट की। सलोनी प्लांट शमशाबाद पर सरसों के भाव एक ही दिन में ऊपर से 150 तक टूट गए। सलोनी प्लांट पर अंतिम भाव 7350 के रहे, जो 17 तारीख यानी गुरुवार को 7500 पर चल रहे थे। गोयल कोटा प्लांट ने भी 50-50 रुपए करके दो बार सरसों के भाव कमजोर किए और अंतिम भाव 6550 के रह गए। अदानी बूंदी और अलवर प्लांट पर सरसों का भाव 100 रुपए टूटा और अंतिम भाव 6725 का रिपोर्ट किया गया। हालांकि वंश सीतापुर पर 6800, शारदा प्लांट पर 6900, और बीपी आगरा प्लांट पर सरसों के भाव 7000 के स्तर पर स्थिर रहे। माहौल को देखते हुए लगता है कि आज यहां पर भी गिरावट बन सकती है।
हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडी में भी भाव अब नीचे की तरफ जाने लगे हैं। जिन मंडियों में भाव 6000 के ऊपर बने हुए थे, अब कहीं-कहीं पर 6000 के नीचे की रेंज दिखने लगी है। मुख्य मंडियों के भाव को देखें तो नोहर मंडी सरसों रेट ₹5800-5980, गजसिंहपुर मंडी सरसों रेट ₹5569-5859, जैतसर मंडी सरसों रेट ₹5901-6050, श्री विजयनगर मंडी सरसों रेट ₹5200-6118, श्री गंगानगर मंडी सरसों रेट ₹5400-5930, भट्टू मंडी सरसों रेट ₹6040, देवली मंडी सरसों रेट ₹5000-6300, सरसों 42% ₹6300, सूरतगढ़ मंडी सरसों रेट ₹5486-5840, बीकानेर मंडी सरसों रेट ₹5300-5901, सिरसा मंडी सरसों रेट ₹5700-6040, ऐलनाबाद मंडी सरसों रेट ₹5750-6100, आदमपुर मंडी सरसों रेट ₹5900 और सिवानी मंडी में सरसों का रेट ₹6200 रुपये प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया है।
विदेशी बाजारों की अपडेट
दोस्तों, मलेशिया में जब सुबह बाजार खुला था, तो बाजार में तेजी दिख रही थी, लेकिन शाम होते-होते बाजार में गिरावट बन गई। शुक्रवार को मलेशिया के बाजार में पाम तेल का जनवरी वायदा अनुबंध 21 रिंगिट यानी की 0.49 प्रतिशत गिरकर 4257 रिंगिट पर बंद हुआ। अगर साप्ताहिक आधार पर देखें, तो पाम तेल में कुल मिलाकर 2.5% की गिरावट आई है। अगर अन्य बाजारों की बात करें तो अमेरिका के शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल का वायदा 0.45% तक गिर गया। चीन के बाजार में भी कमजोरी देखने को मिली, जहां पर सोया तेल का वायदा अनुबंध 0.46% गिरा, जबकि पाम तेल का वायदा 0.96% कमजोर हुआ।
तेल और खल के भाव
जयपुर में कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 10 रुपये कमजोर होकर 1371 रुपये प्रति 10 किलो के रहे, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के भाव भी 10 रुपये घटकर 1361 रुपये प्रति 10 किलो पर बने रहे। हालांकि सरसों खल के भाव में गिरावट नहीं बनी और खल के रेट 2505 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे।
सरसों की आवक पर क्या है रिपोर्ट
किसान साथियों, इस साल सरसों की आवक कुल मिलाकर कमजोर ही रही है। सितंबर के महीने में सरसों की आवक ढाई लाख बोरी के नीचे फिसल गई थी, लेकिन अच्छे भाव को देखते हुए किसान अब अपनी सरसों को बाजार में लेकर आ रहे हैं। नाफेड की सरसों की सप्लाई भी बराबर बनी हुई है। अगर पिछले साल की आवक की तुलना करें, तो साल 2023 की 17 अक्टूबर की तारीख को 450000 बोरी सरसों की आवक के मुकाबले, इस साल सरसों की आवक 350000 बोरी के आसपास चल रही है। साफ़ दिख रहा है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल आवक कम है। यही कारण है कि सरसों का भाव इस समय पिछले साल के मुकाबले लगभग ₹700 तेज चल रहा है, जो कि कुछ दिन पहले 1100 रुपये तक तेज चल रहा था।
क्या सरसों को बेच देना चाहिए?
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, मंडी भाव टुडे पर हम बिल्कुल साफ शब्दों में कह रहे हैं कि सरसों को बेच देना चाहिए। जयपुर में सरसों ने 6700 का लेवल तोड़ दिया है और अब यहां से आगे इसमें और भी गिरावट बन सकती है। सरसों में अब गिरावट को रोकने वाले दो ही घटक हैं: पहला, सरसों की आवक, जो घट नहीं रही है, और दूसरा, विदेशी बाजारों में तेजी, जो ठीक से आ नहीं रही है। अगर यह दोनों ही चीजें इसी दिशा में चलती रहीं, तो निश्चित रूप से सरसों के भाव यहां से 200 से 300 रुपए तक और टूट सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से करें।