AC Water In Inverter Battery: गर्मी के दिनों में एसी (AC) का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही यह दिनभर में 5 से 7 लीटर तक पानी बाहर निकालता है. कई लोग इस पानी को पौधों को सींचने गाड़ी धोने या फर्श साफ करने जैसे कामों में लाते हैं. यह तरीका पानी की बचत के लिहाज से अच्छा है लेकिन इसके सभी उपयोग सुरक्षित नहीं होते.
कैसे बनता है एसी का पानी?
एसी कमरे की हवा से नमी (humidity) को खींचता है. जब यह हवा ठंडी होती है तो उसमें मौजूद वाष्प जल में बदल जाता है जो ड्रेन पाइप के जरिए बाहर निकलता है. यह पानी दिखने में बिल्कुल साफ लगता है लेकिन यह पूरी तरह से शुद्ध नहीं होता.
दिखने में साफ लेकिन भीतर अशुद्ध
हालांकि एसी का पानी पारदर्शी होता है लेकिन इसमें अक्सर धूल माइक्रोपार्टिकल्स बैक्टीरिया और धातु कण मिल जाते हैं. यह पीने या खाना पकाने के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. इसके कुछ उपयोग जरूर हैं लेकिन इसके लिए समझदारी और सतर्कता जरूरी है
क्या AC का पानी बैटरी में डाल सकते हैं?
यह एक सामान्य सवाल है जिसे लेकर कई लोग भ्रम में रहते हैं. इन्वर्टर बैटरियों में डिस्टिल्ड वॉटर यानी शुद्ध डिस्टिल्ड पानी डाला जाता है जो किसी भी प्रकार के खनिज और अशुद्धियों से मुक्त होता है. इसका उद्देश्य बैटरी की प्लेट्स को सुरक्षित रखना और लंबी उम्र देना होता है.
AC के पानी से बैटरी को क्या नुकसान हो सकता है?
अगर आप गलती से AC का पानी इन्वर्टर की बैटरी में डालते हैं तो इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं:
- बैटरी की प्लेट्स पर जंग लग सकती है.
- बैटरी में अनचाहा केमिकल रिएक्शन हो सकता है.
- बैटरी की परफॉर्मेंस घट सकती है और उसकी लाइफ कम हो जाती है.
- स्थिति ज्यादा खराब होने पर बैटरी लीक या फट भी सकती है.
इसलिए तकनीकी विशेषज्ञ AC के पानी का उपयोग बैटरी में करने से स्पष्ट रूप से मना करते हैं.
सही विकल्प क्या है?
बैटरी में केवल वही पानी डालना चाहिए जो ISI प्रमाणित डिस्टिल्ड वॉटर हो. यह पानी विशेष तौर पर बैटरी की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जाता है. इसे किसी भी इलेक्ट्रॉनिक या ऑटोमोबाइल स्टोर से खरीदा जा सकता है.