नई प्रौद्योगिकियों ने गन्ने की खेती को और अधिक सफल बना दिया है। अब चीनी उगाने और उत्पादन के नए तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे कम लागत पर अधिक उत्पादन संभव हो रहा है।
इन आधुनिक तकनीकों का मुख्य उद्देश्य बीजों को बचाना और स्वस्थ पौधे प्राप्त करना है। गन्ने की नर्सरी में तैयार पौधे लगाने से न केवल बीज की बचत होती है बल्कि उत्पादकता भी बढ़ती है।
नई विधियों में सीधी बुआई के स्थान पर नर्सरी में पौधे तैयार कर मुख्य खेत में रोपे जाते हैं। बड-चिप तकनीक में ईख की नर्सरी तैयार कर पौधों की रोपाई की जाती है। इस तकनीक में पारंपरिक विधि की तुलना में बीज की खपत काफी कम होती है और पौधे के जड़ से उखाड़ने की भी गारंटी होती है।
गन्ने की खेती में आधुनिक तकनीकों के प्रयोग से किसानों को कम लागत और अधिक मुनाफा हुआ है। एसटीपी विधि, बड-चिप तकनीक और इंटरक्रॉपिंग से किसान न केवल बीज बचा सकते हैं बल्कि उत्पादकता भी बढ़ा सकते हैं।
गन्ने की खेती करते समय पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखकर दलहन, तिलहन और नकदी फसलें भी उगाई जा सकती हैं। यह किसानों के लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान करता है।