ये चीज धान की खेती में खरपतवार की रोकथाम के लिए बहुत प्रभावी और उपयुक्त होती है इसका इस्तेमाल करना बहुत आसान होता है।
धान की उपज में होगी बढ़ोतरी
धान की खेती में किसान हर परेशानियों का सामना करके फसल को सुरक्षित रख कर उत्पादन को बढ़ाने का काम करते है। धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए किसान निराई गुड़ाई के लिए मजदूर लगाते है जिससे खर्चा और मेहनत दोनों ही बढ़ जाती है इसके अलावा फिर किसान केमिकल वाले खरपतवारनाशकों का इस्तेमाल करते है जिससे फसल की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ सकता है लेकिन इस समस्या को कम करने के लिए इस यंत्र का उपयोग बहुत लाभदायक और कम खर्चीला होता है। ये मशीन न केवल खरपतवार नियंत्रित करती है बल्कि खरपतवार को हरी खाद में बदल देती है जिससे फसल को भरपूर पोषण प्राप्त होता है। तो चलिए जानते है कौन सी मशीन है।

खरपतवार बनेगी हरी खाद
धान की खेती में खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए हम आपको कोनोवीडर नामक यंत्र के बारे में बता रहे है ये एक हाथ से चलने वाला एक कृषि यंत्र है जो खरपतवारों को नष्ट करके मिट्टी में दबाकर मिला देता है जिससे खरपतवार हरी खाद में डी कपोस्ट होने लगती है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है। इसका प्रयोग करने से मजदूरों की लागत कम होती है और खेत खरपतवार मुक्त रहता है। ये मिट्टी को ढीला करके जड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करता है पौधे को मजबूत बनाता है और उपज बढ़ाता है। कोनोवीडर का उपयोग धान की फसल में खरपतवार खत्म करने के लिए जरूर करना चाहिए।
कैसे करें प्रयोग
कोनोवीडर यंत्र का उपयोग करने के लिए कोनोवीडर को पकड़कर आगे की ओर धक्का दिया जाता है जिससे इसके शंक्वाकार रोटर घूमते है और मिट्टी में से खरपतवारों को उखाड़कर मिट्टी में ही दबा देते है। ये यंत्र मिट्टी को मथता है जिससे हवा का संचार बढ़ता है और फसलों की जड़ों को ग्रोथ के लिए ऑक्सीजन मिलता है। इसका प्रयोग हाथों से निराई करने से होने वाली मेहनत और थकान को कम करता है। और पैसों की बचत कराता है।