Airport Security: जब हम दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट या किसी अन्य बड़े हवाई अड्डे की बात करते हैं, तो सबसे पहली चीज जो हर यात्री के दिमाग में आती है, वह है लंबी लाइन और कड़ी सुरक्षा जांच. सामान्य यात्रियों को अक्सर प्री-इंबार्केशन सिक्योरिटी चेक में लंबा समय लग जाता है. यह प्रक्रिया समय लेने वाली और थकाऊ होती है, जिससे हर यात्री कभी न कभी जरूर परेशान हुआ है.
कुछ खास लोगों को मिलती है सिक्योरिटी चेक से पूरी छूट
आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ खास शख्सियतों को इस थकाऊ प्रक्रिया से पूरी तरह छूट दी जाती है. यह लोग न केवल सिक्योरिटी चेक से बच जाते हैं, बल्कि उनकी कार सीधे एयरक्राफ्ट के पास तक जाती है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation rules) और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (Bureau of Civil Aviation Security protocols) के नियमों के तहत इन बड़े लोगों के लिए यह विशेष प्रावधान किया गया है. ये लोग एयरपोर्ट के एप्रन एरिया (apron area access VIP) तक अपनी कार से जाते हैं और वहीं से विमान में चढ़कर यात्रा शुरू कर देते हैं.
एयरपोर्ट सिक्योरिटी में वीआईपी को मिलती हैं तीन कैटेगरी में छूट
एयरपोर्ट सिक्योरिटी विभाग के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, इन वीआईपी व्यक्तियों को तीन अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है. पहली कैटेगरी में वे लोग आते हैं, जिन्हें अपनी एस्कॉर्ट (escort vehicle exemption at airports) के साथ एयर साइट में प्रवेश की अनुमति मिलती है. दूसरी कैटेगरी में शामिल व्यक्तियों को केवल अपनी कार से एयर साइट तक जाने की इजाजत होती है. तीसरी कैटेगरी में वे शख्सियतें शामिल हैं, जिन्हें सिर्फ उनके राज्य के एयरपोर्ट पर ही यह विशेषाधिकार मिलता है.
कैटेगरी-1
कैटेगरी-1 में सबसे उच्च श्रेणी की हस्तियां शामिल हैं, जिन्हें देश के किसी भी एयरपोर्ट पर बिना सुरक्षा जांच के अपनी एस्कॉर्ट के साथ एयरक्राफ्ट तक जाने की अनुमति होती है. इसमें ये प्रमुख नाम शामिल हैं:
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के उपराष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष
- विदेशी सरकारों के प्रमुख
यह सभी लोग किसी भी भारतीय एयरपोर्ट पर विशेष सुरक्षा छूट का लाभ लेते हैं और उनकी एस्कॉर्ट कार भी उनके साथ बिना किसी जांच के एयरक्राफ्ट तक जाती है.
कैटेगरी-2
कैटेगरी-2 में उन लोगों को शामिल किया गया है, जिन्हें अपनी कार से एयर साइट तक जाने की इजाजत होती है, लेकिन उनके साथ एस्कॉर्ट नहीं होती. इन लोगों में शामिल हैं
- भारत के पूर्व राष्ट्रपति
- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- लोकसभा अध्यक्ष
- देश की प्रथम महिला यानी राष्ट्रपति की पत्नी
- उपराष्ट्रपति की पत्नी
- भारत में नियुक्त विदेशी राजदूत या हाई कमिश्नर पहला आगमन और अंतिम प्रस्थान पर
यह सभी शख्सियत बिना किसी एस्कॉर्ट के अपनी कार से सीधे एयरक्राफ्ट तक पहुंच सकते हैं.
कैटेगरी-3
तीसरी कैटेगरी में वे लोग आते हैं, जिन्हें अपने राज्य के एयरपोर्ट पर ही यह विशेषाधिकार मिलता है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और बीसीएएस के अनुसार, इसमें ये प्रमुख शख्सियतें शामिल हैं:
- राज्यपाल (Governor of State airport access in state)
- केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor airport privileges)
- राज्य के मुख्यमंत्री (Chief Minister airport security exemption in state)
हालांकि, इन्हें यह सुविधा केवल अपने राज्य के एयरपोर्ट तक ही सीमित रहती है. अगर यही लोग किसी दूसरे राज्य के एयरपोर्ट पर यात्रा कर रहे हों, तो उन्हें सामान्य प्रक्रिया के तहत सेरेमोनियल लाउंज (ceremonial lounge airport India) से विमान में जाना होता है और वहां उन्हें यह छूट नहीं मिलती.
एप्रन एरिया तक पहुंचना है बड़ी बात
एयरपोर्ट का एप्रन एरिया आम यात्रियों के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित क्षेत्र होता है. यह वह जगह होती है जहां विमान खड़े रहते हैं और जहां से यात्री सीढ़ी या एयरब्रिज के माध्यम से विमान में प्रवेश करते हैं. इस एरिया तक सीधे कार से जाने की अनुमति केवल उन्हीं वीआईपी को मिलती है, जिन्हें इन तीन कैटेगरी में शामिल किया गया है.