How Amul Milk Is Made : डेली प्रोडक्शन के सेगमेंट में अमूल दूध का नाम कौन नहीं जानता। वर्तमान समय में अमूल की कुल कीमत 52 हजार करोड रुपए है। गुजरात से शुरू हुआ अमूल दूध का उत्पादक, आज 60 से भी ज्यादा देशों में बिकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अमूल दूध सिर्फ भारत देश में ही 1 दिन में 2.5 करोड़ दूध की थैलियां बेच देता है। इसके अलावा 15 लाख से ज्यादा Amul की टेट्रा पैक बिकते हैं।
अगर आप भी किसी शहर या कस्बे में रहते हैं। तो मुमकिन है कि आपके यहां भी अमूल की जानी पहचानी पैकेट रोज सुबह पहुंच जाती होगी। लेकिन दोस्तों क्या कभी आपने सोचा है कि यह दूध देश के अलग-अलग किसानों के घरों से अमूल मिल्क प्लांट (Amul Milk Plant) से होकर और फिर आपके घर तक का सफर कैसे तय करता है। अगर आप भी नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल को पढ़ते रहे।
How Amul Milk Is Made : दूध को कलेक्ट करना
मैकेनिकल वैक्यूम दुग्ध मशीनों का उपयोग करके एक डेयरी गायों को दिन में दो बार दुग्ध किया जाता है। गायों का जो कच्चा दूध होता है वह स्टेनलेस स्टील या फिर गिलास पाइप के माध्यम से दूध के टैंक में एकत्र किया जाता है। जहां यह लगभग 40 डिग्री फारेनहाइट (4.4 डिग्री सेल्सियस) तक ठंडा किया जाता है, फिर आगे उस दूध को डेयरी लाया जाता है। फिर उसे ठंडा करके स्टोर कर दिया जाता है। फिर आगे उसे छानकर साफ किया जाता है जिससे की गंदगी निकल जाती है। इसके बाद दूध को पक्षाकृत किया जाता है, जिससे कि रोगजनक बैक्टीरिया भी निकल जाते हैं। इस प्रकार सभी जगह से दूध एकत्र किया जाता है।
दूध जैसे ही एकत्र हो जाती है तो इसे एक ट्रक में भरकर डेयरी कोऑपरेटिव हेड क्वार्टर को भेज दिया जाता है। यहां पर सबसे पहले दूध का सैंपल लिया जाता है। और इसे लेबोरेटरी में पहुंचाया जाता है। लैब में इस दूध को अलग-अलग तरीके से टेस्ट किया जाता है। जहां से यह भी सुनिश्चित होता है कि यह दूध पूरी तरीका से पहले लायक है और सेफ है। लैब से जैसे ही इसे अप्रूव किया जाता है तो फिर टैंकर से इसे दूध को प्लांट में पहुंचाया जाता है। प्लांट में पहुंचने के बाद सबसे पहले दूध को पाश्चराइजेशन प्रक्रिया होकर गुजारा जाता है। इसके बाद दूध को तुरंत ठंडा किया जाता है। इससे दूध में मौजूद पथोजेनिक बैक्टीरिया मर जाते हैं। अब इस दूध को ह्यूमैनिजेशन प्रक्रिया से होकर गुजर जाता है। जहां लो फैटी मिल्क (Low fatty Milk) और हाई फैक्टी मिल्क (High Fatty Milk) को तैयार किया जाता है। इसके बाद इस दूध को एक बड़े से कंटेनर में एकत्र किया जाता है। जहां से पैकेजिंग की प्रक्रिया को शुरू किया जाता है।
अमूल दूध की पैकेजिंग की प्रक्रिया
अमूल दूध की पैकेजिंग की प्रक्रिया के लिए सबसे पहले प्रिंटेड प्लास्टिक रोल में मशीन में फिट किया जाता है। जहां मशीन ऑटोमेटिक दूध को प्लास्टिक में बंद करता है। इस प्रकार अमूल का दूध पैकेट में तैयार किया जाता है। इसके बाद अमूल दूध को ट्रे में अकाउंट करके रखा जाता है जिसके बाद ट्रैकों में भरकर देश के विभिन्न शहरों में भेजा जाता है।
Amul दूध से बनता है अन्य चीज
अमूल कंपनी सिर्फ दूध ही नहीं बचता है इसके अलावा दूध से घी, बटर, लस्सी, आइसक्रीम जैसे कई तरह की चीज बनती है। इसका सही रेट डालकर भारतीय बाजार के साथ-साथ अन्य देशों में बेचा जाता है।
आप सभी को बता दे की 3.50 लाख किसान, 60 लाख मवेशी, 50 लाख लीटर दूध, हाईटेक प्रोसेसिंग प्लांट, इन सभी को आपस में मिलने पर तो बनता है एशिया का सबसे बड़ा डेयरी कोऑपरेटिव, और इसका टर्नओवर लगभग 75 अरब 52 करोड रुपए से भी ज्यादा का है।