ATM Charges Rules: आज के समय में अधिकतर लोग बैंक शाखा जाने की बजाय ATM का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं. पैसे निकालना, बैलेंस चेक करना, मिनी स्टेटमेंट देखना या PIN बदलना अब आम हो गया है. लेकिन 1 मई 2025 से ATM से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. जिससे हर खाताधारक को सतर्क रहना जरूरी हो गया है.
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1 मई 2025 से लागू होंगे नए चार्ज
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ATM ट्रांजेक्शन को लेकर नए नियम लागू किए हैं. जिनके अनुसार अब फ्री लिमिट के बाद हर बार पैसे निकालने या बैलेंस चेक करने पर अतिरिक्त शुल्क देना होगा.
फ्री ट्रांजेक्शन की सीमा
- मेट्रो शहरों (दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु आदि) में हर ग्राहक को 3 फ्री ट्रांजेक्शन प्रति माह मिलेंगे.
- नॉन-मेट्रो शहरों में यह सीमा 5 ट्रांजेक्शन प्रति माह होगी.
- इसके बाद हर अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर अधिकतम ₹23 + टैक्स का शुल्क देना होगा.
किन ट्रांजेक्शन पर लगेगा शुल्क?
नए नियमों के तहत फ्री लिमिट के बाद इन सभी सेवाओं पर शुल्क लगेगा:
- पैसे निकालना (Cash Withdrawal)
- बैलेंस पूछना (Balance Enquiry)
- मिनी स्टेटमेंट निकालना
- पिन बदलना (PIN Change)
सभी बैंकों पर लागू होंगे नए नियम
यह नियम सभी सरकारी, प्राइवेट और को-ऑपरेटिव बैंकों पर लागू होंगे. साथ ही ये अपने बैंक और अन्य बैंकों दोनों के एटीएम पर लागू होंगे.
पहले और अब के शुल्क में अंतर
- पहले: ₹21 प्रति ट्रांजेक्शन
- अब: ₹23 प्रति ट्रांजेक्शन + टैक्स
 ATM नेटवर्क की मेंटेनेंस और सुरक्षा के बढ़ते खर्च को देखते हुए यह बदलाव किया गया है.
अलग-अलग बैंकों के चार्ज
- HDFC Bank: ₹23 + टैक्स
- PNB: ₹23 कैश विथड्रॉल, ₹11 नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन
- IndusInd Bank: ₹23 प्रति ट्रांजेक्शन
- SBI: ₹15 (अपने ATM पर), ₹21 (अन्य ATM पर) + GST
- ICICI Bank: ₹21 कैश ट्रांजेक्शन, ₹8.50 + टैक्स नॉन-फाइनेंशियल
नए नियमों का असर किन पर होगा ज़्यादा?
- जो ग्राहक बार-बार ATM से पैसे निकालते हैं या बैलेंस चेक करते हैं. उन्हें अब अधिक शुल्क देना पड़ सकता है.
- इससे डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिलेगा और ATM नेटवर्क पर दबाव कम होगा.
शुल्क से कैसे बचें?
- अपनी फ्री लिमिट की निगरानी रखें और जरूरत से ज्यादा ट्रांजेक्शन करने से बचें.
- महीने में कम से कम बार ATM का इस्तेमाल करें.
- एक बार में ज्यादा पैसे निकालें, ताकि बार-बार जाने की जरूरत न हो.
- डिजिटल पेमेंट विकल्प (UPI, नेट बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट) का ज्यादा इस्तेमाल करें.
- मिनी स्टेटमेंट और बैलेंस चेक के लिए मोबाइल बैंकिंग या नेट बैंकिंग का प्रयोग करें.

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		