Bank Account Opening Limit: आज के समय में हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत हो और उसे पैसों की चिंता न करनी पड़े। लेकिन कई बार हम बिना सही योजना बनाए कई बैंक अकाउंट खोल लेते हैं, जिससे वित्तीय मैनेजमेंट मुश्किल हो जाता है। ज्यादा बैंक खातों के कारण बैलेंस न रखने की स्थिति में बैंक ज़ीरो बैलेंस या माइनस बैलेंस पर चार्ज काट सकते हैं, जिससे बचत पर असर पड़ता है। इसलिए, यह समझना ज़रूरी है कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए कितने बैंक अकाउंट होने चाहिए।
कितने बैंक अकाउंट रखना चाहिए?
एक व्यवस्थित वित्तीय योजना के लिए तीन बैंक अकाउंट रखना सबसे अच्छा माना जाता है। ये तीन खाते अलग-अलग उद्देश्यों के लिए काम करते हैं और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करते हैं।
1. बचत खाता (Saving Account)
यह खाता हमारी बचत और इमरजेंसी फंड के लिए होता है। इस खाते में हमें कम से कम 3 से 6 महीने के खर्च के बराबर राशि रखनी चाहिए ताकि किसी भी अनिश्चित परिस्थिति में हमें आर्थिक परेशानी न हो।
- इस खाते का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित बचत बनाए रखना है।
- मेडिकल इमरजेंसी, अचानक नौकरी जाने या अन्य ईमर्जन्सी में यह खाता बेहद उपयोगी होता है।
- इस खाते में जमा राशि पर बैंक ब्याज भी देता है, जिससे थोड़ा एक्स्ट्रा फायदा होता है।
2. निवेश खाता (Investment Account)
यह खाता उन पैसों के लिए होता है जो हम निवेश के लिए अलग रखते हैं। इस खाते से हम फिक्स्ड डिपॉज़िट, म्यूचुअल फंड, शेयर मार्केट या अन्य निवेश के ऑपसनों में पैसे डाल सकते हैं। इससे हमारी प्रॉपर्टी बढ़ती है और लंबे टाइम के लिए वित्तीय सुरक्षा मिलती है।
- निवेश खाता हमें वित्तीय स्वतंत्रता की ओर ले जाता है।
- यह खाता हमें लॉंग टाइम प्रॉफ़िट के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इस खाते का उपयोग करते समय निवेश के रिस्क का आकलन करना भी ज़रूरी होता है।
3. व्यय खाता (Expenses Account)
यह खाता हमारे दैनिक खर्चों के लिए होता है। इस खाते से हम घर का किराया, बिजली बिल, मोबाइल रिचार्ज, ग्रॉसरी आदि का पेमेंट कर सकते हैं।
- इस खाते का उद्देश्य खर्चों पर कंट्रोल बनाए रखना है।
- इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि अन्य आवश्यक खातों की राशि पर असर न पड़े।
- यदि खर्च निर्धारित बजट के अंदर रहता है, तो एक्स्ट्रा बचत भी पॉसिबल हो सकती है।
कैसे करें बेहतर फाइनेंशियल मैनेजमेंट?
अब जब हमें यह समझ आ गया है कि तीन बैंक अकाउंट का मैनेजमेंट सबसे अच्छा है, तो यह भी जानना ज़रूरी है कि सही वित्तीय योजना कैसे बनाई जाए।
1. आय के अनुसार बजट बनाएं
हर महीने अपनी कमाई को तीन हिस्सों में बांटें:
- 50% खर्चों के लिए – डेली खर्चों और ज़रूरी भुगतान के लिए।
- 30% निवेश के लिए – फिक्स्ड डिपॉज़िट, म्यूचुअल फंड, स्टॉक्स आदि में निवेश के लिए।
- 20% बचत के लिए – इमरजेंसी फंड और अन्य महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए।
2. ऑटोमैटिक भुगतान सेट करें
- सेविंग अकाउंट से हर महीने निर्धारित राशि निवेश खाते में ट्रांसफर करें।
- अपने खर्चों का भुगतान करने के लिए ऑटो-डेबिट सेट करें ताकि समय पर बिल भर सकें।
- इससे वित्तीय अनुशासन बना रहता है और बचत का नियम भी मजबूती से लागू होता है।
3. ज़रूरत के अनुसार खातों का उपयोग करें
- व्यय खाता – केवल दैनिक खर्चों के लिए इस्तेमाल करें।
- बचत खाता – इस खाते को इमरजेंसी के लिए ही रखें और फालतू खर्चों से बचें।
- निवेश खाता – यहां से प्रॉपर्टी बढ़ाने और निवेश की प्लानिंग करें।
4. बचत की आदत डालें
- फिजूलखर्ची से बचें और हर महीने एक निश्चित राशि बचाने की कोशिश करें।
- अपनी वित्तीय स्थिति का हर महीने विश्लेषण करें और गैर-ज़रूरी खर्चों को कम करें।
- जब भी बोनस या एक्स्ट्रा इनकम मिले, उसे सीधे निवेश खाते में डालें।