Bank Cheque: आज के दौर में ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट (Online Banking & Digital Payment) का विस्तार तेजी से हो रहा है। इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआई (UPI) और मोबाइल बैंकिंग जैसी सेवाएं लोगों के लिए पैसे भेजना और प्राप्त करना बेहद आसान बना चुकी हैं। इसके बावजूद, चेक से पेमेंट का महत्व आज भी बना हुआ है। बड़े लेन-देन (High-Value Transactions) के लिए अब भी लोग चेक का इस्तेमाल करना अधिक सुरक्षित मानते हैं। चेक भुगतान की प्रक्रिया पारंपरिक होने के बावजूद, इसमें कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
चेक पर ‘Only’ क्यों लिखा जाता है?
जब भी हम चेक से किसी को भुगतान (Payment Through Cheque) करते हैं, तो राशि भरने के बाद ‘Only’ लिखना आम बात होती है। लेकिन क्या यह अनिवार्य है? बैंकिंग नियमों के अनुसार, चेक पर ‘Only’ लिखना बाध्यकारी नहीं है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से यह एक अच्छी प्रथा मानी जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि चेक में किसी प्रकार की छेड़छाड़ न की जा सके। यदि राशि के आगे ‘Only’ लिखा होता है, तो कोई भी व्यक्ति उसमें अतिरिक्त राशि जोड़कर धोखाधड़ी नहीं कर सकता।
चेक में Only नहीं लिखा तो क्या होगा?
अगर आप चेक पर राशि भरते समय ‘Only’ नहीं लिखते, तो आपके चेक में हेरफेर की संभावना बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, अगर आपने 10,000 रुपये का चेक जारी किया है और ‘Only’ नहीं लिखा, तो कोई व्यक्ति उसमें जोड़कर इसे 1,00,000 भी बना सकता है। ऐसे मामलों में बैंक से पैसे निकलने की संभावना रहती है, जिससे आपको भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए, इस छोटे से शब्द का इस्तेमाल आपको वित्तीय नुकसान से बचा सकता है।
चेक पर दो लाइन क्यों खींची जाती हैं?
आपने अक्सर चेक के ऊपर दो तिरछी रेखाएं (Cheque Crossed Lines) देखी होंगी। इनका मुख्य उद्देश्य चेक को और अधिक सुरक्षित बनाना होता है। यह प्रक्रिया ‘क्रॉस्ड चेक’ (Crossed Cheque) कहलाती है। अगर कोई चेक क्रॉस किया हुआ है, तो वह केवल बैंक खाते में ही जमा किया जा सकता है और नकद में नहीं निकाला जा सकता। इससे चेक के मिसयूज की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।
अकाउंट पेयी चेक का क्या महत्व है?
अगर चेक पर दो तिरछी लाइनों के बीच ‘A/C Payee’ (Account Payee) लिखा गया है, तो यह सुनिश्चित करता है कि भुगतान केवल उसी व्यक्ति के खाते में जाएगा जिसके नाम से चेक जारी किया गया है। इससे कोई अन्य व्यक्ति इस चेक का उपयोग नहीं कर सकता। इस प्रकार का चेक सबसे सुरक्षित माना जाता है और धोखाधड़ी की संभावना को न्यूनतम कर देता है।
चेक लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
चेक जारी करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है:
- राशि सही और स्पष्ट रूप से लिखें – राशि अंकों और शब्दों में लिखें और अंत में ‘Only’ जरूर जोड़ें।
- डेट सही भरें – बिना तारीख का चेक किसी भी समय कैश किया जा सकता है।
- प्राप्तकर्ता का नाम स्पष्ट लिखें – अधूरे नाम या अस्पष्टता से धोखाधड़ी का खतरा बढ़ सकता है।
- सही सिग्नेचर करें – गलत सिग्नेचर से चेक बाउंस हो सकता है।
- क्रॉस चेक करें – अतिरिक्त सुरक्षा के लिए चेक पर दो तिरछी लाइनें खींचें और ‘A/C Payee’ लिखें।
चेक बाउंस होने के कारण और इसके परिणाम
चेक बाउंस (Cheque Bounce) होना बैंकिंग प्रणाली में एक गंभीर समस्या है। यदि चेक किसी कारणवश बाउंस हो जाता है, तो इससे न केवल आपकी वित्तीय छवि खराब होती है, बल्कि इसके कानूनी परिणाम भी हो सकते हैं।
चेक बाउंस होने के मुख्य कारण:
- खाते में पर्याप्त बैलेंस न होना।
- चेक पर गलत सिग्नेचर।
- चेक में किसी प्रकार की छेड़छाड़ या अस्पष्टता।
- ओवरराइटिंग या फटे हुए चेक का उपयोग।
चेक बाउंस के रिजल्ट:
- बैंक की तरफ से पेनाल्टी चार्ज लगाया जाता है।
- लाभार्थी व्यक्ति आपको कानूनी नोटिस भेज सकता है।
- कोर्ट में मामला दर्ज होने की स्थिति में आपको जुर्माना या सजा भी हो सकती है।