Bank Locker Rule: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक लॉकर सुविधा का उपयोग करने वाले ग्राहकों के लिए नए नियम जारी किए हैं. इन नए नियमों में चोरी या धोखाधड़ी की स्थिति में बैंक की जिम्मेदारी को स्पष्ट किया गया है. लॉकर रखने वाले लाखों ग्राहकों के लिए यह एक बड़ी राहत मानी जा रही है.
लॉकर के लिए क्या जरूरी है?
अगर आप किसी बैंक में लॉकर लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको पहले लिखित आवेदन (application) देना होता है. अगर बैंक शाखा में लॉकर उपलब्ध नहीं है, तो आपको वेटिंग लिस्ट में डाला जाता है. लॉकर उपलब्ध होते ही उसे पहले आवेदन करने वाले व्यक्ति को प्राथमिकता दी जाती है.
बैंक लॉकर लेने के लिए जरूरी दस्तावेज:
- वैध पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड/पैन कार्ड)
- पता प्रमाण (Address Proof)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- न्यूनतम बैंक बैलेंस (बैंक अकाउंट में आवश्यक राशि)
लॉकर से कुछ चोरी हो जाए तो क्या होगा?
RBI के नए नियमों के अनुसार अगर लॉकर से कोई सामान चोरी या धोखाधड़ी से गायब हो जाता है, तो बैंक की जिम्मेदारी तय की गई है. मुआवजा की सीमा लॉकर के वार्षिक किराए के 100 गुना तक तय की गई है. उदाहरण के लिए यदि किसी लॉकर का सालाना किराया ₹2000 है, तो बैंक अधिकतम ₹2,00,000 तक का मुआवजा देने के लिए बाध्य हो सकता है. हालांकि यदि प्राकृतिक आपदाओं (जैसे भूकंप, बाढ़ आदि) के कारण नुकसान होता है, तो बैंक जिम्मेदार नहीं होगा.
अलग-अलग बैंकों में लॉकर किराया कितना है?
बैंक लॉकर किराया बैंक की शाखा, स्थान और साइज पर निर्भर करता है. नीचे कुछ प्रमुख बैंकों के लॉकर किराये की जानकारी दी गई है:
बैंक का नाम | न्यूनतम किराया (₹) | अधिकतम किराया (₹) |
---|---|---|
SBI | ₹2,000 | ₹12,000 |
HDFC Bank | ₹3,000 | ₹20,000 |
ICICI Bank | ₹1,200 | ₹5,000 |
PNB | ₹1,250 | ₹10,000 |
Canara Bank | ₹2,000 | ₹10,000 |
सुरक्षा की जिम्मेदारी पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही RBI ने बैंकों को लॉकर सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार ठहराया. इसके बाद नए दिशानिर्देश जारी किए गए. ताकि ग्राहक लॉकर में रखी वस्तुओं के लिए बैंक से जवाबदेही तय कर सकें.
लॉकर उपयोगकर्ताओं के लिए जरूरी सुझाव
RBI और विशेषज्ञों की ओर से लॉकर इस्तेमाल करने वालों को कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है:
- लॉकर की चाबियां सुरक्षित रखें और किसी से साझा न करें.
- बैंक के साथ किया गया लॉकर एग्रीमेंट हमेशा अपने पास रखें.
- समय-समय पर लॉकर की नियमित जांच करें.
- बहुत अधिक मूल्यवान वस्तुएं लॉकर में न रखें. खासकर यदि उनका मूल्य मुआवजा सीमा से बहुत अधिक हो.
- नकदी (Cash) लॉकर में रखना प्रतिबंधित है.
- लॉकर में रखी वस्तुओं का बैंक बीमा नहीं करता. लेकिन आप चाहें तो निजी बीमा कंपनी से बीमा करवा सकते हैं.
क्यों जरूरी है लॉकर से जुड़ी जानकारी जानना?
भारत में लाखों लोग अपने कीमती आभूषण, दस्तावेज और वस्तुएं बैंक लॉकर में रखते हैं. ऐसे में लॉकर की सुरक्षा, मुआवजा नियम और बैंक की जिम्मेदारी की जानकारी होना हर ग्राहक के लिए आवश्यक है. RBI के ये नए नियम ग्राहकों को अधिकार और पारदर्शिता देने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं.