Bank Locker Rules : बैंक लॉकर एक ऐसी सुविधा है, जो बैंक की ओर से ग्राहको का कीमती सामान रखने के लिए प्रोवाइड की जाती है। वैसे तो बैंक लॉकर में रखा सामान पूरी तरह से सेफ होता है, लेकिन अगर लॉकर में रखे सामान को नुकसान होता है या फिर चोरी हो जाता है तो क्या इस स्थिति में बैंक मुआवजा देगा या नहीं? आरबीआई ने बैंक लॉकर से जुड़े कई नियम बनाए हैं। चलिए नीचे खबर में जानते हैं –
जब बैंक में खाता ओपन करवाते हैं तो ज्यादातर बैंक ग्राहकों को बैंक लॉकर की सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं। बता दें कि बैंक लॉकधारकों (bank locker charge) से चार्ज लेते हैं और सभी बैंकों में लॉकर शुल्क अलग अलग होता है। अक्सर कई लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि अगर लॉकर में रखा सामान चोरी हो जाए तो ऐसे में बैंक लॉकर के नियमो के अनुसार उन्हें कितना मुआवजा मिलेगा। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं खबर में बैंक के लॉकर से जुड़े क्या नियम है।
जानिए क्या है लॉकर के नियम-
ग्राहक अपनी कीमती सामानो को रखने के लिए जॉइंट लॉकर भी ले सकते हैं। बस नियमो के अनुसार इसके लिए दोनों ग्राहकों को बैंक में जाकर संयुक्त मेमोरेंडम (Joint Memorandum kya hai)पर सिग्नेचर करना होता है।पॉलिसी में जैसे नॉमिनी होता है, वैसे ही लॉकर का नॉमिनी भी बनाया जा सकता है।
लॉकर धारक की मृत्यु के पश्चात जिस व्यक्ति को नॉमिनी बनाया गया था, उसकी पूरी वेरिफिकेशन के बाद उस व्यक्ति को लॉकर खोलने और सामान निकालने की अनुमति होती है, लेकिन लॉकर के नियमो के अनुसार आप कुछ भी नहीं रख सकते हैं। आरबीआई की और से लॉकर (safe deposit lockers) में क्या रखना चाहिए और क्या नहीं इसकी सुची बनाई गई है।
क्या लॉकर में रख सकते हैं कैश-
RBI की गाइडलाइन (RBI Guidelines)के मुताबिक आप लॉकर में अपने गहने, प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज, लोन डॉक्यूमेंट्स, जन्म या विवाह प्रमाणपत्र, बीमा पॉलिसी जैसे दस्तावेज और कानूनी रूप से वैध वस्तुएं (rules for breaking locker) को लंबे समय तक रख सकते हैं, लेकिन लॉकर में नकदी और करेंसी को रखना मना है।
इसके साथ ही कई ऐसी चीजें जो बाद में बैंक या ग्राहकों के लिए परेशानी का कारण बने आप लॉकर में नहीं रख सकते हैं। जैसे कि – हथियार, गोला-बारूद, ड्रग्स, विस्फोटक, प्रतिबंधित सामग्री, सड़ने-गलने वाली या रेडियोएक्टिव वस्तुएं आदि।
सेफ डिपॉजिट लॉकर के नियम-
RBI ने 2022 में सेफ डिपॉजिट लॉकर (Safe Deposit Locker) के लिए बदले हुए नियम को जारी किए थे जो जनवरी 2023 से पुराने लॉकर धारकों पर और जनवरी 2022 से नए ग्राहकों पर लागू हो चुके हैं। इन नए नियमो के अनुसार अब ग्राहकों के साथ नए स्टांप पेपर पर लॉकर एग्रीमेंट करना जरूरी है।नए नियमो के तहत बैंक ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक का किराया (bank locker ka kiraya) एक बार में ले सकते हैं। इसके साथ ही नियमो के अनुसार खाली लॉकर और वेटिंग लिस्ट की जानकारी बैंक को बतानी होती है।
बैंक को कब करना पड़ता है मुआवजे का भुगतान-
अब बात आती है कि बैंक लॉकर (locker rules updates) में ग्राहकों का सामान कितना सुरक्षित है तो आपको बता दें कि आरबीआई (RBI rules on locker) के नियमो के अनुसार अगर बैंक की लापरवाही या सुरक्षा में चूक से लॉकर (bank locker ke niyam) में रखे सामान को नुकसान पहुंचता है तो इससे उसके नुकसान का मुआवजा देना होगा। ऐसी कई चीजें होती है, जिसके लिए बैंक जिम्मेदार होता है। जैसे कि – आग, चोरी, डकैती या इमारत गिरने जैसी घटनाएं आदि।
बैंक कब नहीं करता मुआवजे का भुगतान-
लेकिन हां, प्राकृतिक आपदाओं के लिए बैंक न तो जिम्मेदार होते हैं और न ही बैंक (bank loacker rules updates) को इसके लिए कोई भुगतान करना पड़ता है। जैसे- बाढ या भूकंप आदि के चलते अगर लॉकर में रखी वस्तुएं नष्ट हो जाती हैं तो बैंक जिम्मेदार नहीं होगा।
अगर अन्य कारणों के चलते चीजें नष्ट होती है तो बैंक मुआवजा के तौर पर वार्षिक किराये के 100 गुना तक ही भुगतान (bank locker service charge) करता है। उदाहरण के लिए हम आपको समझाते हैं। जैसे कि अगर लॉकर का सालाना किराया 1000 रुपये है तो ग्राहको को अधिकतम मुआवजा 1 रुपये लाख तक ही हो सकता है।