Bank News: मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के नेपानगर स्थित नागरिक सहकारी बैंक की हालत बेहद खराब हो चुकी है. इस बैंक में 8.85 करोड़ रुपये का गबन सामने आया है. जिससे हजारों खाताधारक संकट में फंस गए हैं. लोग अपनी एफडी और जमा पूंजी पाने के लिए महीनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.
अपनी ही पूंजी के लिए तरस रहे हैं जमाकर्ता
जिन लोगों ने वर्षों की कमाई इस बैंक में जमा की थी. आज वही एक-एक रुपये के लिए मोहताज हैं. न तो उन्हें मूल राशि मिल रही है और न ही उस पर मिलने वाला ब्याज. हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि कई लोग बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद इलाज नहीं करा पा रहे हैं. कुछ परिवार भुखमरी की स्थिति में पहुंच चुके हैं.
दो साल से शिकायतें, कार्रवाई अब तक अधूरी
पीड़ित जमाकर्ताओं ने बताया कि घोटाले की शिकायतें पिछले दो साल से संचालक मंडल द्वारा की जा रही हैं. लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला. पुलिस ने भले ही कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, लेकिन कई बैंक कर्मचारी अभी भी फरार हैं.
कलेक्टर से मिलने पहुंचे पीड़ित
मंगलवार को बड़ी संख्या में जमाकर्ता जिला कलेक्टर हर्ष सिंह से मिलने पहुंचे और अपनी जमा राशि वापस दिलवाने की गुहार लगाई. कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि 6 मई तक उचित कार्रवाई की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.
बैंक के कंगाल होने से खत्म हुआ भरोसा
इस घटना ने न सिर्फ नेपानगर बैंक पर बल्कि पूरे सहकारी बैंकिंग सिस्टम पर लोगों का भरोसा डगमगाया है. सरकार और प्रशासन के लिए यह जरूरी हो गया है कि ऐसे मामलों में जल्द से जल्द पारदर्शी जांच और राहत प्रक्रिया शुरू की जाए. ताकि आम लोगों की मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके.