Bank Property Auction : यदि वह व्यक्ति लोन चुकाने में विफल रहता है, तो बैंक अपनी बकाया राशि वसूलने के लिए उस संपत्ति को नीलाम कर देता है। यदि आप ऐसी नीलामी में घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए. वरना हो जाएगी मुश्किल-
बैंक अक्सर उन संपत्तियों की नीलामी (Bank Property Auction) के विज्ञापन देते हैं जिन्हें उन्होंने कर्ज न चुका पाने के कारण जब्त कर लिया है। जब कोई व्यक्ति बैंक से लोन लेता है, तो बैंक उस व्यक्ति की संपत्ति को गारंटी के तौर पर रखता है।
यदि वह व्यक्ति लोन चुकाने में विफल रहता है, तो बैंक अपनी बकाया राशि वसूलने के लिए उस संपत्ति को नीलाम कर देता है। यदि आप ऐसी नीलामी में घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बैंक के पास कानूनी अधिकार-
भारत में बैंकों के पास लोन का डिफॉल्ट (default) करने वालों की प्रॉपर्टी को जब्त (property confiscated) करने का कानूनी आधिकार है। संपत्ति को को जब्त कर बैंक उसे नीलाम करते हैं और कर्ज के रूप दी गई राशि वसूलते हैं। इसके लिए सरफेसी एक्ट बनाया गया है।
पेमेंट प्लान-
यदि आप नीलामी की संपत्ति (auction property) खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो सबसे पहले भुगतान योजना को ध्यान से समझें। बैंक के बकाया राशि और भुगतान की समय-सीमाओं की जानकारी नीलामी नोटिस में दी जाती है। इसके अतिरिक्त, बैंक से संपत्ति का कब्जा (possession of property) मिलने की संभावित तिथि और स्वामित्व हस्तांतरण की प्रक्रिया के बारे में भी पूछताछ करें। यह सुनिश्चित करेगा कि आप वित्तीय और कानूनी पहलुओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
प्रॉपर्टी के पजेशन की तारीख-
नीलामी वाली प्रॉपर्टी के पजेशन (Possession of auctioned property) को लेकर बैंक एक टेंटिटिव डेट (tentative date) देते हैं। अगर बैंक उस तारीख तक पजेशन नहीं दे पाता है, तो उस स्थिति में आपके होने वाले नुकसान की वो कैसे भरपाई करेगा। इस बारे में भी पता कर लेना चाहिए। इसके अलावा आपको देख लेना चाहिए कि नीलाम वाली प्रॉपर्टी पर किसी तरह का बकाया तो नहीं है। बिजली या पानी का बिल, प्रॉपर्टी टैक्स (property tax) इत्यादि के बिल की जांच कर लेनी चाहिए।