Bank Rule : इस लेख में हम समझते हैं कि कैसे इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 269ST के तहत 2 लाख रुपये से अधिक के कैश लेन-देन पर जुर्माना लग सकता है। जानिए इस नियम के बारे में, इसके उद्देश्य और इससे बचने के उपाय।
अगर आप रोजाना कैश में लेन-देन करते हैं तो उम्मीद है कि नकदी से जुड़ी विभिन्न कानूनी शर्तों को समझते होंगे। हालांकि, क्या आपने कभी सोचा है कि एक दिन में यदि आप किसी से 2 लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान करते हैं तो आपको जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है? सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि जुर्माना भुगतान करने वाले व्यक्ति पर नहीं, बल्कि उसे रकम देने वाले व्यक्ति पर लगाया जाएगा। तो आइये, जानते हैं कि यह नियम क्यों और कब लागू किया गया और इसके पीछे क्या उद्देश्य है।
सेक्शन 269ST क्या है?
दरअसल, यह नियम भारतीय आयकर विभाग ने 2017 में इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 269ST के तहत जोड़ा था। इस कानून का मुख्य उद्देश्य टैक्स चोरी, कालाधन और मनी लॉन्ड्रिंग पर काबू पाना था। टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक, इस प्रावधान के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति एक दिन में 2 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि कैश में नहीं ले सकता। यह कदम सरकार ने तब उठाया था जब उसे महसूस हुआ कि नकद लेन-देन से टैक्स चोरी और काले धन की समस्याएं बढ़ रही थीं।
नकद में लेन-देन की क्या शर्तें हैं?
अगर आप 2 लाख रुपये से अधिक का कैश ले रहे हैं तो आपको इसे बैंकिंग चैनल्स के माध्यम से ही स्वीकार करना होगा। यानी, आपको यह रकम बैंक ड्राफ्ट, चेक या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए प्राप्त करनी होगी। इसके अलावा, यदि आप सेल्फ चेक के माध्यम से 2 लाख रुपये से ज्यादा की रकम प्राप्त करते हैं तो इसे भी कैश में लेन-देन माना जाएगा और आप पर जुर्माना लग सकता है।
यह नियम गिफ्ट में प्राप्त धन पर भी लागू होता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति को खास मौके पर 2 लाख रुपये से अधिक का कैश गिफ्ट मिल रहा है तो यह नियम उस पर भी लागू होगा।
जिन मामलों में यह नियम लागू नहीं होता
आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत कुछ मामलों को इससे बाहर रखा गया है। जैसे कि बैंक, पोस्ट ऑफिस या सहकारी बैंक द्वारा प्राप्त राशि इस नियम से मुक्त होती है। इन संस्थाओं से प्राप्त रकम पर यह जुर्माना नहीं लगेगा।
जुर्माना कितना लगता है?
यदि कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे उसी राशि के बराबर जुर्माना देना पड़ता है। उदाहरण के लिए, अगर आप 2 लाख 10 हजार रुपये का कैश लेन-देन करते हैं, तो आपको 2 लाख 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। इस तरह से सरकार ने इस प्रावधान के जरिए कैश लेन-देन पर कड़ी निगरानी रखने की कोशिश की है ताकि टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।